अधिकारियों ने बताया कि नई पॉलिसी में चार्जिंग बुनियादी ढांचे में सुधार के लिए परिवहन विभाग रिंग रोड, आउटर रिंग रोड के साथ-साथ फ्लाईओवर के नीचे चार्जिंग स्टेशन स्थापित करेगा। साथ ही, सार्वजनिक ईवी चार्जिंग स्टेशन स्थापित करने के लिए 15 से 30 लाख रुपये की सब्सिडी का भी प्रस्ताव है।
दिल्ली को ईवी राजधानी बनाने के लिए जल्द ही चार्जिंग स्टेशनों की कमी दूर की जाएगी। नई ईवी पॉलिसी में सबसे ज्यादा जोर चार्जिंग स्टेशनों को स्थापित करने पर है। दिल्ली में ई-वाहनों की खरीद नहीं बढ़ने की सबसे बढ़ी वजह चार्जिंग स्टेशनों की कमी का होना भी है।
दिल्ली सरकार एक अप्रैल से नई ईवी-पॉलिसी को लागू करने का विचार कर रही है। इसके तहत दिल्ली में चार्जिंग स्टेशनों की संख्या बढ़ाने के साथ ही तीन साल में हर तीन निजी वाहनों में से एक वाहन इलेक्ट्रिक करने का लक्ष्य रखा गया है, जबकि अगले साल से गैर-इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों के पंजीकरण पर रोक लगाने का भी प्रावधान किया गया है।
दिल्ली सरकार के परिवहन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि नई पॉलिसी में सभी नई इमारतों की पार्किंग में कम से कम 20 फीसदी जगह पर ईवी चार्जिंग पॉइंट अनिवार्य करने का प्रस्ताव है। इस प्रावधान को लागू करने के लिए सभी संबंधित विभागों को शामिल किया जाएगा। पाॅलिसी के तहत यह लक्ष्य रखा गया है कि 2030 तक 13,200 सार्वजनिक चार्जिंग स्टेशन स्थापित कर दिए जाएं। इससे हर पांच किलोमीटर के दायरे में कम से कम एक चार्जिंग स्टेशन स्थापित होगा।
एक चार्जिंग स्टेशन में कई पॉइंट होते हैं। मौजूदा ईवी पॉलिसी में 2026 तक दिल्ली में 48,000 चार्जिंग पॉइंट स्थापित करने का लक्ष्य रखा गया था, लेकिन यह अब तक 10 फीसदी ही स्थापित हो पाए हैं। अधिकारियों ने बताया कि नई पॉलिसी में चार्जिंग बुनियादी ढांचे में सुधार के लिए परिवहन विभाग रिंग रोड, आउटर रिंग रोड के साथ-साथ फ्लाईओवर के नीचे चार्जिंग स्टेशन स्थापित करेगा। साथ ही, सार्वजनिक ईवी चार्जिंग स्टेशन स्थापित करने के लिए 15 से 30 लाख रुपये की सब्सिडी का भी प्रस्ताव है। यह व्यवस्था की जाएगी कि सार्वजनिक स्थलों पर ईवी के लिए आरक्षित पार्किंग स्थलों पर गैर-ईवी वाहन पार्क न हों यदि ऐसा होता है तो जुर्माना लगेगा।
अन्य देशों की तुलना में कम स्टेशन
अमेरिका और यूरोप की तुलना में दिल्ली में ईवी चार्जिंग स्टेशनों की संख्या काफी कम है। अमेरिका और यूरोप में 10 से 15 ई-वाहनों पर एक चार्जिंग स्टेशन का मानक है, जबकि दिल्ली में 100 ई-वाहनाें पर एक स्टेशन का मानक है। वर्तमान में दिल्ली में लगभग 2700 से ज्यादा चार्जिंग प्वाइंट्स हैं। इनमें अधिकांश सार्वजनिक स्थानों, माल व पार्किंग आदि जगहों पर बनाए गए हैं।
नहीं है फास्ट चार्जिंग स्टेशन
दिल्ली में चार्जिंग स्टेशन आमतौर पर 3.3 से 50 किलोवाट के हैं जो यह धीमी गति से चार्जिंग करते हैं। 100 किलोवाट वाले फास्ट चार्जिंग स्टेशन के प्वाइंट न के बराबर हैं। इसके विपरीत यूरोप के देशों में 350 किलोवाट तक की फास्ट चार्जिंग होती है। इससे ई-वाहन जल्द चार्ज होते हैं, जबकि दिल्ली में कई घंटे लगते हैं।