एयरपोर्ट संचालन करने वाली कंपनी ने इसके लिए मोनो रेल (हवा में चलने वाली) व जमीन में चलने वाली एयर ट्रेन स्वचालित पीपुल मूवर (एपीएम) चलाने की पहल की है। इसके लिए निविदा जारी की गई है।
दिल्ली एयरपोर्ट पर अब कनेक्टिंग विमान से उड़ान भरने के लिए आपाधापी नहीं होगी। अगर आप घरेलू विमान से एयरपोर्ट के टर्मिनल-1 पर पहुंचते हैं और अंतरराष्ट्रीय विमान के लिए टर्मिनल-3 तक पहुंचना है, तो इसके लिए एयरपोर्ट से बाहर निकलकर अन्य वाहन से जाने की मजबूरी नहीं होगी। अंदर ही अंदर यात्रियों को सुविधा मिलेगी जिससे वह एक से दूसरे टर्मिनल तक कुछ ही मिनट में पहुंच जाएंगे।
दरअसल, एयरपोर्ट संचालन करने वाली कंपनी ने इसके लिए मोनो रेल (हवा में चलने वाली) व जमीन में चलने वाली एयर ट्रेन स्वचालित पीपुल मूवर (एपीएम) चलाने की पहल की है। इसके लिए निविदा जारी की गई है। आवंटित होने के बाद तीन साल में इसे पूरा कर लिया जाएगा। अधिकारियों के अनुसार 2027 तक योजना हकीकत में तब्दील होगी। इसके बाद यात्री एयरपोर्ट पर बाधारहित सफर कर सकेंगे।
दिल्ली एयरपोर्ट पर यात्रियों को कई अंतरराष्ट्रीय सुविधाएं मिल रही हैं। इसी कड़ी में एक और सुविधा यात्रियों को मिलने जा रही है। इसे लेकर दिल्ली अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट लिमिटेड (डायल) ने कवायद शुरू की है। इसके अनुसार टर्मिनल 1, 2 और 3 को आपस में वाहन के माध्यम से जोड़ा जाएगा। ट्रेन में चार स्टॉप की व्यवस्था होगी, जहां से यात्री अपने-अपने टर्मिनल तक पहुंच सकेंगे। इस एयर ट्रेन को डीटीसी की फीडर बसों के विकल्प के तौर पर पेश किया जाएगा।
मुफ्त होगी सुविधा
टर्मिनलों के बीच आवागमन सुनिश्चित करने के लिए यात्रियों के लिए एयर ट्रेनों का उपयोग दुबई समेत कई एयरपोर्ट पर किया जा रहा है। इस तरह की सुविधा एयरपोर्ट पर मुफ्त है। इस तरह की ट्रेन से यात्री एक टर्मिनल से दूसरे टर्मिनल तक यात्रा कर सकेंगे। खासतौर से ट्रांजिट उड़ानों के दौरान इनका उपयोग अधिक होता है। इसका उद्देश्य यात्रियों को एक टर्मिनल से दूसरे टर्मिनल तक पहुंच तेजी से होगी। दिल्ली एयरपोर्ट पर एयर ट्रेन की सुविधा से विमान यात्रियों को शटल बसों की आवश्यकता नहीं होगी।
एयरपोर्ट से एरोसिटी भी पहुंचना हो जाएगा आसान
योजना के अनुसार इस सुविधा को टी-1, टी-2 व टी-3 के साथ ही एयरोसिटी और कार्गो सिटी से जोड़ा जाएगा। करीब 7.7 किलोमीटर की दूरी ट्रेन तय करेगी। इससे एयरपोर्ट की क्षमता भी बढ़ेगी। खास बात यह भी है कि एयरोसिटी में कई फाइव स्टार होटल है। लिहाजा टर्मिनल-3 से निकलकर अंतरराष्ट्रीय व घरेलू विमान के यात्री आसानी से अपने होटल पहुंच सकेंगे। टी-3 पर दिल्ली मेट्रो भी है। लिहाजा टी-1 पर उतरकर यात्री टी-3 आसानी से पहुंचेंगे और दिल्ली शहर के लिए मेट्रो की सवारी कर अपने गंतव्य तक पहुंच जाएंगे। एक अनुमान के अनुसार इस सुविधा के निर्माण में 2,000 करोड़ रुपये की खर्च आ सकती है।