दिल्ली: एमसीडी में कामकाज के लिए भाजपा ने बनाई वरिष्ठ पार्षदों की कोर कमेटी

सूत्रों का कहना है कि अब एमसीडी के सभी अहम निर्णय कोर कमेटी की सहमति से लिए जाएंगे। चाहे वह बजट से जुड़े मसले हों, विकास कार्यों की प्राथमिकता तय करनी हो या पार्षदों की ओर से उठाई गई स्थानीय समस्याएं हो।

भाजपा ने एमसीडी के सुचारू संचालन और त्वरित निर्णय लेने के लिए वरिष्ठ पार्षदों की कोर कमेटी गठित की है। यह कमेटी एमसीडी से जुड़े अहम प्रशासनिक, विकासात्मक और रणनीतिक फैसलों में निर्णायक भूमिका निभाएगी। यह कमेटी पार्षदों के कार्यों के संचालन में समन्वय की कड़ी बनेगी और अधिकारियों के साथ नियमित बैठकें कर योजनाओं पर अमल सुनिश्चित कराएगी। भाजपा ने कमेटी में महापौर राजा इकबाल सिंह, उपमहापौर जयभगवान यादव, स्थायी समिति अध्यक्ष सत्या शर्मा व उपाध्यक्ष सुरेंद्र सिंह और नेता सदन प्रवेश वाही को शामिल किया है।

सूत्रों का कहना है कि अब एमसीडी के सभी अहम निर्णय कोर कमेटी की सहमति से लिए जाएंगे। चाहे वह बजट से जुड़े मसले हों, विकास कार्यों की प्राथमिकता तय करनी हो या पार्षदों की ओर से उठाई गई स्थानीय समस्याएं हो। हर स्तर पर कोर कमेटी मार्गदर्शन करेगी। साथ ही कमेटी आयुक्त और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ नियमित बैठक कर उन्हें अपने निर्णयों और रणनीतियों से अवगत कराएगी।

भाजपा नेतृत्व का कहना है कि पार्षदों को एमसीडी प्रशासन में केवल प्रतीकात्मक भूमिका न देकर, उन्हें निर्णय प्रक्रिया में सीधे तौर पर जोड़ा जाए। इसीलिए कोर कमेटी का गठन किया गया है। एक वरिष्ठ पार्षद ने बताया कि यह कोर कमेटी राजनीतिक हस्तक्षेप करने वाली इकाई नहीं होगी, बल्कि यह प्रशासन और जनप्रतिनिधियों के बीच सेतु का काम करेगी।

वर्ष 2007 से 12 के दौरान भी कमेटी थी : भाजपा ने वर्ष 2007 में एमसीडी की सत्ता मिलने पर कामकाज करने के लिए कोर कमेटी बनाई थी। कमेटी में 14 सदस्य शामिल किए गए थे, लेकिन एमसीडी के तीन हिस्सों में विभाजित होने पर 10 साल तक सत्ता में रहने के दौरान भाजपा ने इस तरह की कोर कमेटी का गठन नहीं किया था।

तीन साल बाद एमसीडी की स्थायी समिति की 27 को होगी बैठक, करीब सौ प्रस्तावों पर होगा मंथन
एमसीडी की स्थायी समिति की करीब तीन साल बाद 27 जून को बैठक होगी। इसमें करीब 100 प्रस्तावों को पेश किया जाएगा, जिनमें से लगभग 30 प्रस्ताव विभिन्न योजनाओं और 20 प्रस्ताव विकास कार्यों से जुड़े होंगे। स्थायी समिति एमसीडी की सबसे ताकतवर और निर्णयकारी समिति है, जो बजट, विकास योजनाओं, निर्माण कार्यों और प्रशासनिक फैसलों को अंतिम रूप देती है। वर्ष 2022 में तीनों निगमों के एकीकरण के बाद स्थायी समिति का गठन नहीं हुआ था। हालांकि तीनों निगमों में अलग-अलग स्थायी समितियों की बैठकें होती थीं।

एमसीडी के एकीकरण के बाद चुनाव नहीं होने तक एमसीडी पर विशेष अधिकारी (स्पेशल ऑफिसर) का शासन था। उन्हें स्थायी समिति के अधिकार प्राप्त थे जिन्होंने उस दौरान करीब आठ महीने तक योजनाओं को मंजूरी देने का कार्य किया। अब जबकि दिल्ली में निर्वाचित पार्षदों के माध्यम से स्थायी समिति का गठन हो चुका है, यह बैठक निगम प्रशासन के लोकतांत्रिक संचालन की दिशा में एक बड़ा कदम है। अधिकारियों के अनुसार, 27 जून की बैठक में मुख्य रूप से बुनियादी ढांचे के सुधार, जल निकासी, कूड़ा प्रबंधन, स्वच्छता मिशन, सड़कों की मरम्मत, शौचालय निर्माण जैसी योजनाओं से जुड़े प्रस्तावों पर चर्चा होगी। स्थायी समिति की बैठक को लेकर एमसीडी के वरिष्ठ अधिकारियों और पार्षदों में भी उत्साह है।

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