ज्यादातर लोगों का मानना है कि दो साल पहले के मुकाबले दुनिया ज्यादा खतरनाक हो गई है। राजनीतिक से प्रेरित हिंसा और सामूहिक संहार के हथियारों के बढ़ते जखीरे के कारण अपनी सुरक्षा को लेकर लोगों की चिंता बढ़ती जा रही है।
फाउंडेशन के वाइस चेयरमैन मैट्स एंडरसन के अनुसार, `यह स्पष्ट है कि वैश्विक सहयोग की मौजूदा प्रणाली लोगों की सुरक्षा चिंताओं को दूर करने में नाकाम है। नाटो देशों और रूस में तनाव, सीरिया में जारी संघर्ष और उत्तर कोरिया एवं ईरान की एटमी महात्वाकांक्षाओं के कारण लोग खुद को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं।`