समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को मंगलवार को लखनऊ एयरपोर्ट पर इलाहाबाद विश्वविद्यालय जाने से रोकने पर जमकर सियासी हंगामा हुआ। बजट सत्र के दौरान विधानसभा और विधान परिषद में पार्टी सदस्यों ने जहां इसको लेकर सरकार पर आरोप लगाए। वहीं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अखिलेश यादव पर अराजकता फैलाने का आरोप लगाते हुए पलटवार किया।
पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को मंगलवार को इलाहाबाद विश्वविद्यालय के कार्यक्रम में शामिल होने के लिए जब लखनऊ एयरपोर्ट पहुंचे तो प्रशासन ने उन्हें सरकारी आदेश का हवाला देते हुए रोक दिया। इस पर अखिलेश काफी नाराज हुए और उनकी एडीएम पूर्वी वैभव से बहस भी हुई। इस दौरान सिक्योरिटी ने एडीएम को पीछे करते हुए अखिलेश को सुरक्षा घेरे में ले लिया।
अखिलेश ने अपने रोके जाने के बाद ट्वीट किया। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि कि मैं एयरपोर्ट पर खड़ा हूं और प्रशासन जान बूझ कर मुझे प्रयागराज नहीं जाने दे रहा है, मुझे रोक दिया गया है। उन्होंने कहा कि बिना किसी लिखित आदेश के मुझे एयरपोर्ट पर रोका गया। पूछने पर भी स्थिति साफ करने में अधिकारी विफल रहे। छात्र संघ कार्यक्रम में जाने से रोकना का एक मात्र मकसद युवाओं के बीच समाजवादी विचारों और आवाज को दबाना है।
सदन में सपा सदस्यों ने जताया विरोध
अखिलेश यादव को एयरपोर्ट में रोके जाने की जानकारी होने पर विधानसभा और विधान परिषद में सपा सदस्यों ने हंगामा किया। विधानसभा में सदन में कार्यवाही शुरू होते ही सपा सदस्यों ने हंगामा शुरू कर दिया। उन्होंने आरोप लगाया कि पार्टी अध्यक्ष को बिना किसी कारण हवाई अड्डे पर रोका गया है। विधानसभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित ने सदस्यों को शांत करने की कोशिश की, लेकिन वे हंगामा करते रहे। उन्होंने हंगामे की वजह से सदन की कार्यवाही एक घंटे के लिए स्थगित कर दी। सदन के बाहर सपा विधायक शैलेंद्र यादव उर्फ ललाई ने कहा कि अखिलेश यादव को बिना कारण अमौसी हवाई अड्डे पर रोका गया है।
वहीं विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष अहमद हसन ने कहा कि यूपी में आपातकाल लागू हो गया है। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव को इलाहाबाद विश्वविद्यालय छात्र संघ यूनियन के उद्घाटन कार्यक्रम में जाने से रोका जा रहा है।उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार प्रजातंत्र की हत्या कर रही है, सरकार गुंडे माफियाओं को सपोर्ट करती है, आम आदमी और शरीफ लोगों को परेशान कर रही है। उन्होंने कहा कि इलाहाबाद विश्वविद्यालय में छात्र संघ अध्यक्ष समाजवादी छात्र सभा का प्रत्याशी जीता है, इसलिए प्रदेश सरकार उद्घाटन कार्यक्रम में अखिलेश यादव को शामिल नहीं होने देना चाहती है। वहीं कुछ ही घंटों में एयरपोर्ट पर सपा कार्यकर्ताओं की धीरे-धीरे भीड़ जुटने लगी। इसके बाद एयरपोर्ट लाउंज में मौजूद अखिलेश यादव ने सभी को पार्टी कार्यालय में पहुंचने का सन्देश भेजवाया। उन्होंने कहा कि वह स्वयं भी वहां पहुचंकर कार्यकर्ताओं से बात करेंगे। बाद में वह एयरपोर्ट से वापस लौट गए।
इसके साथ ही सपा महासचिव रामगोपाल वर्मा की ओर से दिए बयान में इसे लोकतांत्रिक मूल्यों की हत्या बताया गया। वहीं पार्टी के वरिष्ठ नेता इंद्रजीत सरोज ने कहा कि भाजपा सरकार सपा नेता की बढ़ती लोकप्रियता से बौखलायी हुयी है। सरकार की तानाशाही का जवाब जनता सड़कों पर उतर कर देगी।
मायावती ने बताया लोकतंत्र की हत्या का प्रतीक
उधर इस मामले में बसपा सुप्रीमो मायावती ने भी अखिलेश का समर्थन किया है। उन्होंने अपने ट्वीट में कहा कि अखिलेश यादव को इलाहाबाद नहीं जाने देने के लिये उन्हें लखनऊ एयरपोर्ट पर ही रोकने की घटना अति-निन्दनीय है। मायावती ने इसे बीजेपी सरकार की तानाशाही व लोकतंत्र की हत्या की प्रतीक बताया। उन्होंने कहा कि क्या बीजेपी की केन्द्र व राज्य सरकार बीएसपी-सपा गठबंधन से इतनी ज्यादा भयभीत व बौखला गई है कि उन्हें अपनी राजनीतिक गतिविधि व पार्टी प्रोग्राम आदि करने पर भी रोक लगाने पर वह तुल गई है। बसपा सुप्रीमो ने इसे अति दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए ऐसी आलोकतंत्रिक कार्रवाईयों का डट कर मुकाबला करने की बात कही।
अराजकता को बढ़ावा देना चाहते हैं अखिलेश-योगी
उधर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस पूरे मामले पर अखिलेश यादव पर पलटवार किया। उन्होंने कहा कि अभी कुछ दिनों पहले अखिलेश यादव प्रयागराज में कुम्भ गए थे। वहां उन्होंने दर्शन और संगम में स्नान किया। अब वह एक बार फिर प्रयागराज जाना चाहते हैं, जबकि इलाहाबाद विवि की ओर से कहा गया है कि राजनीतिक दलों के व्यक्ति् को छात्रसंघ के कार्यक्रम में सम्मिलित नहीं की जाएगा। प्रशासन से अनुरोध किया गया था कि अखिलेश यादव अगर वहां आते हैं तो छात्र गुटों में हिंसक झड़पे और तोड़फोड़ हो सकती है।
कानून व्यवस्था प्रभावित होने की सम्भावना है। मुख्यमंत्री ने कहा कि कुम्भ में प्रतिदिन पच्चीस से तीस लाख श्रद्धालु आ रहे हैं। अभी तक सभी कार्यक्रम पूरी तरह सफल हुए हैं। समाजवादी पार्टी अराजकता कराना चाहती है। इसलिए विश्वविद्यालय के आग्रह पर उन्हें वहां जाने से रोका गया है।
अखिलेश यादव को पहले ही दी गई थी सूचना
इसके साथ ही सरकार की ओर कहा जा रहा है कि अखिलेश यादव को पत्र के माध्यम से सोमवार को ही इलाहाबाद विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार ने सूचित किया था कि कार्यक्रम में किसी राजनेता को शिरकत करने की अनुमति नहीं है। इस बाबत अखिलेश यादव के निजी सचिव को पत्र भी भेजा गया था। इस कार्यक्रम को लेकर इलाहाबाद विश्वविद्यालय ने जिला प्रशासन प्रयागराज को भी आठ फरवरी को अवगत करा दिया था।
लखनऊ प्रशासन ने कारण किया स्पष्ट
उधर लखनऊ प्रशासन की ओर से कहा गया कि इलाहाबाद के जिलाधिकारी ने संबंधित कार्यक्रम में अखिलेश यादव की भागीदारी पर रोक लगाई थी। उनकी मौजूदगी से शांतिभंग होने की आशंका जताई गई थी। जिलाधिकारी ने गृह विभाग को यह संस्तुति की थी। अखिलेश यादव चार्टर प्लेन से इलाहाबाद जा रहे थे, और एयरपोर्ट अथॉरिटी ने उनकी उड़ान पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था। ऐसे में जिलाधिकारी की संस्तुति के आधार पर गृह विभाग द्वारा दिए गए निर्देशों को पालन करने के क्रम में प्रशासन ने अखिलेश यादव को इलाहाबाद जाने से रोका है।
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