तो इस वजह से घरों के अंदर नहीं पहनें जाते जूते-चप्‍पल….

img_20161208094935-1नई दिल्ली बहुत बार ऐसा होता है जब भी हम घर के अंदर जूते या चप्‍पल पहन कर आते हैं तो, घर के बड़े हमसे चप्‍पल बाहर उतारने के लिये बोलते हैं।

 या फिर जब भी महमान आते हैं तो वह इस बात का ध्‍यान जरुर रखते हैं कि वह अपने जूते-चप्‍पल बाहर ही निकालें। आज हम अपने इस आर्टिकल में बात करें उन कारणों की जो हमें घर में चप्‍पल पहनने से रोकते हैं। आइये जानें…
एक अध्ययन के अनुसार, हमारे जूते ढेर सारे रोगाणुओं से भरे हुए होते हैं। एरिजोना विश्वविद्यालय द्वारा किये गए एक रिसर्च में निकला है कि एक जूते में लगभग 421000 बैक्टीरिया मौजूद होते हैं। तो आप खुद ही गणना कर लीजिये कि एक जूड़ी जूते में कितने होंगे। जब सभी जूतों की जांच की गई, तो उनमें 96% कैलीफॉर्म नामक बैक्‍टीरिया पाया गया। यह ऐसा बैक्‍टीरिया है जो मनुष्‍य और गर्म खून वाले जानवरों के मल में पाया जाता है।
इस बैक्‍टीरिया के अलावा भी जूतों में 6 और अन्‍य तरह के बैक्‍टीरिया मौजूद होते हैं, जिनके नाम हैं ई कोलाई, क्लेबसिएला निमोनिया (यह मूत्र मार्ग में संक्रमण पैदा करने के लिए जिम्मेदार है), और सेराटिया फिकारिया (यह श्वसन संक्रमण पैदा करने के लिए जिम्मेदार है) भी शामिल है।
 इसके साथ ही आपको बता दे कि घर के अंदर जूते-चप्‍पल ना पहनने की परंपरा कई सदियों से चली आ रही थी, मगर लोंगो को इसके पीछे के छुपे हुए साइंस का ज्ञान नहीं था। इसलिये आप भी इस अच्‍छी आदत को खुद में और बच्‍चों में ढांलें, जिससे आप एक स्‍वस्‍थ जिन्‍दगी जी सकें।

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