तेलंगाना पुलिस ने ‘ऑपरेशन लोटस’ के आरोप में जिन तीन लोगों को हिरासत में लिया था, उन्हें अदालत के आदेश पर छोड़ दिया गया है। इन लोगों को यह कहते हुए हिरासत में लिया गया था कि इनकी ओर से 4 विधायकों को 50-50 करोड़ रुपये की घूस ऑफर की गई थी ताकि वे दल-बदल कर लें। हालांकि इस मामले में पुलिस को अदालत से झटका लगा है। यही नहीं केसीआर की पार्टी टीआरएस के दावे भी फुस्स साबित हुए हैं। अदालत ने साफ कहा कि इस मामले में सबूतों का अभाव है। कोर्ट ने कहा कि इस मामले में पुलिस आरोपियों से पूछताछ कर सकती है।
तीन आरोपियों को बुधवार रात को हैदराबाद से अरेस्ट किया गया था। इन लोगों को एक फार्महाउस से पकड़ा गया था, जो टीआरएस के विधायक पायलट रोहित रेड्डी का है। पुलिस का दावा था कि उनकी ओर से ही सूचना दी गई थी कि तीन लोग आए हैं और वे टीआरएस के 4 विधायकों को रिश्वत देना चाहते हैं ताकि वे भाजपा जॉइन कर लें। रेड्डी की शिकायत के आधार पर पुलिस ने केस दर्ज किया था और उनका आरोप था कि टेबल पर 250 करोड़ रुपये रखे गए थे। इसके तहत एक प्रमुख नेता को 100 करोड़ रुपये का ऑफर दिया गया था और अन्य लोगों को 50-50 करोड़ की रिश्वत की पेशकश की गई थी।
टीआरएस विधायक का आरोप- ईडी का डर भी दिखाया गया था
रोहित रेड्डी का कहना था कि रिश्वत ऑफर करने वाले लोगों ने पार्टी न बदलने पर आपराधिक मामलों में फंसाने और ईडी की रेड का डर भी दिखाया था। इन आरोपों पर भाजपा ने जवाब देते हुए कहा था कि टीआरएस ने यह ड्रामा किया है, जिसकी रचना तेलंगाना के चीफ मिनिस्टर केसीआर ने की है। यही नहीं भाजपा के राज्य महासचिव गुज्जुला प्रेमेंद्र रेड्डी ने हाई कोर्ट में अर्जी दाखिल कर कहा था कि इस मामले को सीबीआई को सौंपा जाए, जो मामले की जांच करे। उनका कहना था कि टीआरएस ने भाजपा को बदनाम करने के लिए यह साजिश रची है।
भाजपा बोली- हम 4 विधायकों को तोड़कर क्या पाएंगे
तेलंगाना के पुलिस चीफ स्टीफन रवींद्र ने भी बाद में मीडिया से बात करते हुए कहा था कि विधायकों का कहना था कि उन्हें पार्टी बदलने के लिए रिश्वत ऑफर की गई थी। टीआरएस विधायकों का कहना था कि उन्हें इस रकम के साथ ही बड़े पैमाने पर ठेके और पदों का भी ऑफर दिया गया था। हालांकि इन आरोपों को भाजपा ने साफतौर पर खारिज करते हुए कहा था कि हम 4 विधायकों को तोड़कर क्या करेंगे। भाजपा ने साफ कहा था कि 50 से कम विधायक तोड़ने पर हम कुछ हासिल नहीं कर सकेंगे।