2019 लोकसभा चुनाव की आहट के साथ ही तीसरे मोर्चे की कवायद भी एकबार फिर से शुरू हो गई है. तेलंगाना के सीएम केसीआर का ‘गैर कांग्रेस, गैर बीजेपी मोर्चा’ बनाने का प्रस्ताव जोर पकड़ने लगा है. टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी ने डीएमके से संपर्क साधा है. तेलंगाना के सीएम को टीएमसी, जेएमएम और ओवैसी के बाद छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी ने भी तीसरा मोर्चा के लिए समर्थन जताया है. वहीं बीजेपी और कांग्रेस ने चंद्रशेखर राव के प्रयासों की आलोचना की है.
केसीआर की तीसरे मोर्चे की पहल
बता दें कि टीआरएस के प्रमुख चंद्रशेखर राव ने कहा था कि 2019 चुनावों के लिए लोग भारत में बदलाव चाहते हैं. मैं एक समान विचाराधार वाले लोगों की बात कर रहा हूं. यदि आवश्यक हो तो मैं आंदोलन का नेतृत्व करने को तैयार हूं.’ यदि लोग नरेंद्र मोदी से गुस्सा हो गए तो राहुल गांधी या कोई और गांधी नया प्रधानमंत्री बन जाएगा. हमने पहले भी दशकों तक उनकी सरकारों को देखा है. देश की मौजूदा राजनीति में बदलाव की जरूरत है. कांग्रेस और बीजेपी से अलग विकल्प तैयार करने की आवश्यकता है.’
इन दलों ने दिया समर्थन
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी, झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और महाराष्ट्र के दो सांसदों सहित कई नेताओं ने राव के प्रस्ताव का समर्थन किया है.
केसीआर के कार्यालय ने आज कहा कि उनके विचारों को आगे बढ़ाने के लिए वह विचार-विमर्श की प्रक्रिया शुरू करने की योजना बना रहे हैं. तेलंगाना के मुख्यमंत्री का विचार है कि जो लोग भी देश के बारे में अलग-अलग तरीके से सोच रहे हैं उन्हें राजनीति में गुणवत्तापूर्ण बदलाव के लिए भागीदार बनाया जाए.
केसीआर तीसरे मोर्चे के संबंध में सेवानिवृत्त आईएएस, आईपीएस, आईएफएस और आईआरएस अधिकारियों से मुलाकात करेंगे जो विभिन्न स्तर पर देश के प्रशासन का हिस्सा रहे हैं और काफी अनुभव रखते हैं. वो कार्यक्रम तय करने में व्यस्त हैं और इन बैठकों को सफल बनाने के लिए समन्वय कार्य जारी है. मुख्यमंत्री प्रमुख सेवानिवृत्त रक्षा अधिकारियों, कानूनी अधिकारियों और किसान संगठनों के साथ भी बैठक करेंगे.
इन शहरों और इनके साथ करेंगे बैठक
विज्ञप्ति के मुताबिक राव अर्थशास्त्रियों और केंद्र सरकार के सेवानिवृत्त सचिवों के अलावा, मीडिया घरानों, पत्रकारों, उद्योग घरानों और श्रम संगठनों के साथ भी बैठक करेंगे. बैठकों का आयोजन हैदराबाद के साथ नई दिल्ली, मुंबई, चेन्नई, कोलकाता, बेंगलुरू और अन्य स्थानों पर किया जाएगा.
केसीआर के कार्यलय के मुताबिक छत्तीसगढ़ के पूर्व सीएम अजीत जोगी ने ‘तेलंगाना के सीएम से कहा कि राष्ट्रीय स्तर पर मोर्चा बनाने के उनके प्रयास में वह भी उनके साथ होंगे और मोर्चा में शामिल होने की उन्होंने इच्छा जताई. जोगी ने राव से कहा कि आप (राव) बड़े नेता हैं और भविष्य में भी आप बड़े नेता साबित होंगे. जोगी ने राव से यह भी कहा कि प्रस्तावित मोर्चा के लिए उन्हें ‘समान विचार वाले लोगों’ का समर्थन मिलेगा.
ममता हुई सक्रिय
टीएमसी के सांसद डेरेक ओ ब्रायन न दिल्ली में कहा कि संघीय दलों से बात कर ममता ने बीजेपी को हराने के काम का नेतृत्व अपने हाथ में लिया है. उन्होंने कहा, ‘हम पटरी पर हैं.उन्होंने कहा कि चंद्रशेखर राव से बात करने के बाद ममता ने डीएमके नेता स्टालिन से टेलीफोन पर बात की.
डेरेक ओ ब्रायन ने बताया कि करीब 12 मिनट की बातचीत में ममता ने स्टालिन से कहा कि टीएमसी और द्रमुक ने क्रमश: पश्चिम बंगाल और तमिलनाडु में अच्छा प्रदर्शन किया है. दोनों राज्यों से करीब 75 सांसद आते हैं. उन्होंने कहा कि ममता बनर्जी ने शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे से भी बात की. उन्होंने कहा कि दोनों नेता एक-दूसरे के संपर्क में हैं. शिवसेना भले ही महाराष्ट्र और केंद्र में बीजेपी सरकार के साथ है लेकिन वह बीजेपी और उसके नेतृत्व का आलोचक रही है.
ओ ब्रायन ने कहा कि टीआरएस, टीडीपी, सपा, बसपा, टीएमसी और डीएमके के बीच संसद में विभिन्न मुद्दों पर ‘अच्छा समन्वय’ है.
बीजेपी-कांग्रेस ने उठाए सवाल
तेलंगाना बीजेपी अध्यक्ष कृष्ण सागर राव ने कहा कि केंद्र में गैर बीजेपी, गैर कांग्रेस मोर्चा के राव के प्रस्ताव का उद्देश्य भ्रष्टाचार से खुद को बचाने की संभावना तलाशना है. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री केसीआर द्वारा विगत और वर्तमान के कुछ भ्रष्टाचारों की जांच की संभावना है.
बीजेपी के साथ-साथ तेलंगाना कांग्रेस अध्यक्ष एन उत्तम कुमार रेड्डी ने मोर्चा बनाने की चंद्रशेखर राव की योजना की आलोचना की है. रेड्डी ने आरोप लगाया कि ‘अपनी विफलताओं’ से लोगों का ध्यान बंटाने के लिए मुख्यमंत्री नौटंकी कर रहे हैं.