नई दिइल्ली मुंबई में तीन माह की बच्ची को 12 घंटे में तीन बार बेचने का मामला सामने आया है। Police ने मामले को गंभीरता से लेते हुए बच्ची को सकुशल बरामद कर लिया है। वहीं सात आरोपियों को गिरफ्तार किया है।
कांदिवली पुलिस के मुताबिक, तीन माह की बच्ची श्रावणी की गुमशुदगी की शिकायत उसकी मां देवली सिंह ने कराई थी। इसके बाद पुलिस ने बच्ची को मानखुर्द के शिवाजी नगर स्थित आरोपी महिला सविता के पास से बरामद कर लिया। बच्ची की सुरक्षित बरामदगी से परिजन काफी खुश हैं। इस मामले में कांदिवली पुलिस ने 6 महिलाओं और एक पुरुष समेत कुल सात लोगों को सोमवार देर रात गिरफ्तार कर मंगलवार को बोरिवली कोर्ट में पेश किया।
यहां से सभी को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। इन आरोपियों में एक दंपती भी शामिल है। दंपती पर मुख्य किडनैपर आरती पटेल का साथ देने और बच्ची की खरीद-बिक्री करने में हाथ होने का आरोप है। जोन-11 के डीसीपी विक्रम देशमाने और सीनियर पीआई मुकुंद पवार के मार्गदर्शन में इस मामले की जांच पुलिस अधिकारी सुधीर च्वहाण कर रहे हैं।
पूछताछ में आरती ने बताया कि श्रावणी को चुराने के बाद वे चारों लोग ऑटोरिक्शा से कांदिवली स्टेशन गए और वहां से लोकल ट्रेन पकड़कर मानखुर्द पहुंचे। यहां चिता कैंप में रहने वाली रानी को श्रावणी बेच दी गई। फिर चारों मालवणी लौट गए। रानी ने बच्ची को बैगनवाडी निवासी सारिका च्वहाण (36) के हाथों बेच दियाा। सारिका ने शिवाजी नगर में रहने वाली एवं पेशे से एक निजी अस्पताल में कार्यरत नर्स सविता सालुंखे (32) को बच्ची बेच दी।
पुलिस के अनुसार, आरती द्वारा चुराई गई बच्ची इन 12 घंटे में तीन बार बेची गई। जांच अधिकारी सुधीर च्वहाण ने बताया कि 8-9 पुलिसकर्मियों की टीम ने दिन-रात मेहनत कर चिता कैंप, बैगनवाडी और शिवाजी नगर में ट्रैप लगाकर आखिरकार बच्ची को सविता नामक आरोपी महिला के पास से सुरक्षित बरामद करने में कामयाबी पाई। जांच अधिकारियों को आरोपी नर्स सविता पर शक है। उससे बच्ची की खरीद-ब्रिकी के संबंध में और भी खुलासे होने के अनुमान हैं।
पुलिस को शक है कि सविता के नेटवर्क में कहीं कोई बच्चा चोर गिरोह या मानव तस्करी से जुड़ा कोई संगठन तो नहीं है। पुलिस अब सविता के शिवाजी नगर स्थित उसके अस्पताल, आरोपियों के मोबाइल का कॉल रिकॉर्ड और सभी आरोपी महिलाओं एवं इस बच्चा चोर गिरोह की भूमिका की गहन जांच पड़ताल करने में जुटी हुई है। पुलिस को सविता पर सबसे अधिक शक है, जिसने एक बेटे की मां होते हुए भी बच्ची को खरीदने की मंशा सारिका से जाहिर की थी।
करीब 2:46 बजे एक महिला आई। महिला फुटपाथ पर बने एक झोपड़े में घुसी। अंदर सो रहे हेल्मेट विक्रेता मनोज सिंह (42) और देवली सिंह (40) की दसवीं संतान श्रावणी को उसने चुराया और वहां से महज 11 मिनट बाद यानी 2:57 बजे बाहर निकल गई। सीसीटीवी में आरोपी महिला के साथ दो अन्य महिलाएं और एक पुरुष भी दिखाई दे रहे हैं।
इनकी पहचान मालवणी के अंबुजवाडी निवासी आरती पटेल (40), उसका पड़ोसी सरफराज शेख और उसकी पत्नी आयशा शेख के अलावा कच्चा रास्ता निवासी सरफराज की मौसी नादिरा शेख के तौर पर हुई। इन लोगों की मदद से आरती ने बच्ची को चुराकर चेंबूर के चिता कैंप में रहने वाली रानी नायडू (35) के हाथों बेच दिया। हालांकि, बच्ची का सौदा कितने में हुआ, इसका खुलासा नहीं हुआ है।