‘तीन नए आपराधिक कानूनों को प्रशिक्षण में करें शामिल’, केंद्र का सभी मंत्रालयों और विभागों को नोटिस

तीन नए आपराधिक कानून एक जुलाई से लागू होने वाले हैं और इसे देखते हुए कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) ने सभी केंद्रीय मंत्रालयों और विभागों को विभिन्न प्रशिक्षण कार्यक्रमों में नए आपराधिक कानूनों की विषय-वस्तु शामिल करने के लिए एक कार्यालय ज्ञापन जारी किया। नए कानूनों से होने वाले बदलावों की जानकारी ई-पाठ्यक्रमों पर भी उपलब्ध होगी।

औपनिवेशिक काल के आपराधिक कानूनों की जगह लेने वाले तीन नए आपराधिक कानून एक जुलाई से लागू होंगे। इसे देखते हुए कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) ने शुक्रवार को सभी केंद्रीय मंत्रालयों और विभागों को विभिन्न प्रशिक्षण कार्यक्रमों में नए आपराधिक कानूनों की विषय-वस्तु शामिल करने के लिए एक कार्यालय ज्ञापन जारी किया।

1 जुलाई से पुराने कानूनों की जगह लेंगे नए कानून

ज्ञापन के अनुसार, तीन नए आपराधिक कानून-भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम 25 दिसंबर, 2023 को अधिसूचित किए गए थे। ये तीनों कानून एक जुलाई, 2024 से लागू होंगे। इन कानूनों को भारतीय दंड संहिता, दंड प्रक्रिया संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम की जगह लाया गया है। 

प्रशिक्षण कार्यक्रमों में कानूनों को शामिल करने का निर्देश

डीओपीटी ने कहा कि इस संबंध में सभी मंत्रालयों और विभागों से अनुरोध किया जाता है कि वे अपने प्रशासनिक नियंत्रण के तहत आने वाले प्रशिक्षण संस्थानों को उनके द्वारा आयोजित प्रशिक्षण कार्यक्रमों में इन तीन नए कानूनों को शामिल करने के लिए निर्देश जारी करें।

ई-पाठ्यक्रमों पर मिलेगी बदलावों की जानकारी

नए कानूनों के माध्यम से किए जा रहे बदलावों की जानकारी के लिए ई-पाठ्यक्रमों का भी उपयोग किया जा सकता है, जो कर्मयोगी पोर्टल पर उपलब्ध है। कार्यालय ज्ञापन में कहा गया है कि केंद्र सरकार के विभाग प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करने में किसी भी प्रकार की सहायता के लिए गृह मंत्रालय के अधीन पुलिस अनुसंधान एवं विकास ब्यूरो की सहायता ले सकते हैं। 

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