तमिलनाडु राज्य परिवहन निगम की बसों के चालकों और परिचालकों को महिलाओं के प्रति अच्छे व्यवहार का प्रशिक्षण दिया जाएगा। राज्य सरकार द्वारा सरकारी बसों में महिलाओं के लिए मुफ्त यात्रा की घोषणा के बाद, विभिन्न बस स्टेशनों से महिलाओं के अपमान के संबंध में दैनिक आधार पर सैकड़ों शिकायतें आ रही हैं।
त्रिची में एक निजी कंपनी की कर्मचारी सुधा सेल्वराज ने आइएएनएस को बताया, ‘तमिलनाडु की बसों में हमारे साथ सेकंड क्लास दर्जे के नागरिक जैसा व्यवहार किया जा रहा है। बस चालकों और कंडक्टरों के अपशब्दों को सुनकर मुझे अपमानित महसूस होता है। मैंने शिकायत भेजी है तमिलनाडु के परिवहन मंत्री को और यदि कोई कार्रवाई नहीं होती है, तो मुख्यमंत्री को एक पत्र भेजने का प्रयास करेंगे।’
तमिलनाडु के परिवहन मंत्री, आर.एस. राजकन्नप्पन ने आइएएनएस को बताया, ‘यह दुर्भाग्यपूर्ण है और मुझे कुछ शिकायतें भी मिली हैं। परिवहन मंत्रालय ड्राइवरों और कंडक्टरों के लिए महिलाओं के प्रति व्यवहार पर प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करेगा और प्रख्यात सामाजिक वैज्ञानिक कक्षाएं दी जाएंगी।’
जिला स्तर पर कक्षाएं संचालित की जाएंगी। परिवहन विभाग उन बस कर्मचारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करेगा जिन्होंने महिलाओं का अपमान और गालियां दी हैं और पुलिस भी मामले दर्ज करेगी और तदनुसार कार्रवाई करेगी। वहीं, राज्य सरकार और तमिलनाडु परिवहन विभाग ने व्यवहार विज्ञान पर कई कार्यशालाओं का आयोजन किया था, लेकिन ऐसा लगता है उससे कुछ फायदा नहीं हुआ।
चेन्नई के ट्रिप्लिकेन में एक 70 वर्षीय महिला महालक्ष्मी ने बात करते हुए कहा, ‘जब भी मैं बस में चढ़ती हूं तो ड्राइवर मेरा अपमान करता है। वे भद्दे कमेंट्स करते थे कि हम मेहमान हैं और तमिलनाडु की सरकार ने महिलाओं को मुफ्त सवारी मुहैया कराकर गलत काम किया है। युवतियों को अधिक चिढ़ाने और अपमान का शिकार होना पड़ता है।