तमिलनाडु में जहरीली शराब से मरने वालों की संख्या लगातार बढ़ रही है। कलेक्टरेट के अनुसार तमिलनाडु के कल्लाकुरिची जिले में अवैध शराब त्रासदी में मरने वालों की संख्या अब बढ़कर 65 हो गई है। दूसरी ओर बीती शाम राज्य भर के अस्पतालों से 148 लोगों को छुट्टी दे दी गई है। वहीं 16 लोगों का अभी इलाज चल रहा है।
तमिलनाडु में जहरीली शराब से मरने वालों की संख्या में लगातार इजाफा देखने को मिल रहा है। जिला कलेक्टरेट के अनुसार तमिलनाडु के कल्लाकुरिची जिले में अवैध शराब त्रासदी में मरने वालों की संख्या अब बढ़कर 65 हो गई है। दूसरी ओर बीती शाम राज्य भर के अस्पतालों से 148 लोगों को छुट्टी दे दी गई है।
16 लोगों का चल रहा इलाज
अधिकारियों ने बताया कि दो लोगों का कल्लाकुरिची सरकारी चिकित्सा एवं अस्पताल में इलाज चल रहा है। वहीं, पुडुचेरी में छह लोगों का इलाज चल रहा है, जबकि सलेम के सरकारी अस्पतालों में आठ लोगों का इलाज चल रहा है। फिलहाल कुल 16 लोगों का इलाज चल रहा है।
NCW ने लिया था स्वतः संज्ञान
इससे पहले एनसीडब्ल्यू ने शराब से लोगों को मरने की मीडिया रिपोर्ट का स्वत: संज्ञान लेते हुए मामले की जांच के लिए एनसीडब्ल्यू सदस्य खुशबू सुंदर के नेतृत्व में तीन सदस्यीय जांच समिति गठित की थी। खुशबू सुंदर के नेतृत्व में राष्ट्रीय महिला आयोग के तीन सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने तमिलनाडु के कल्लाकुरिची जिले में जहरीली शराब पीने से जान गंवाने वाले पीड़ितों के परिवारों से मुलाकात की।
भाजपा नेताओं ने सौंपा ज्ञापन
इससे पहले 28 जून को भाजपा नेता अनिल एंटनी, अरविंद मेनन और सांसद जीके वासन के एनडीए प्रतिनिधिमंडल ने राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष किशोर मकवाना से मुलाकात की और कल्लाकुरिची अवैध शराब त्रासदी के संबंध में एक ज्ञापन सौंपा।
उन्होंने चेयरमैन से यह सुनिश्चित करने की अपील की कि कल्लाकुरिची जहरीली शराब त्रासदी के पीड़ितों के परिवारों को पर्याप्त मुआवजा और न्याय मिले।
स्टालिन के इस्तीफे की हो रही मांग
ज्ञापन में कल्लाकुरिची नकली शराब सेवन त्रासदी के अनुसूचित जाति के पीड़ितों को न्याय दिलाने के लिए तत्काल हस्तक्षेप की मांग की गई। एआईएडीएमके महासचिव एडप्पादी के पलानीस्वामी पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ कल्लाकुरिची शराब त्रासदी की सीबीआई जांच और डीएमके सरकार की अक्षमता को लेकर तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के इस्तीफे की मांग को लेकर भूख हड़ताल पर बैठे हैं।