ड्रोन के जरिए पाक से आए हथियार इस जगह सुरक्षित रखे जाने थे, पंजाब मे धमाका करने की थी योजना

खडूर साहिब लिंक रोड पर चार सितंबर को जब बम धमाका हुआ, तो अगले ही दिन एनआइए समेत कई सुरक्षा एजेंसियों ने यहां पहुंचकर जांच शुरू कर दी। इस जांच के आधार पर अब तक नौ आतंकी गिरफ्तार किए जा चुके हैं। इनसे पूछताछ में सामने आया है कि कस्बा झब्बाल स्थित आटा-चक्की को आतंकी अपना सुरक्षित ठिकाना समझते थे।

ड्रोन के जरिए पाकिस्तान से आए हथियार यहीं आटे और गेहूं की बोरियों में छिपाकर रखे जाने थे। इसे खालिस्तान जिंदाबाद फोर्स (KZF) के अड्डे के तौर पर इस्तेमाल किया जाना था। रोमनदीप के घर में लगी आटा-चक्की में आटे की पिसाई कम ही होती थी।

यहां रोमनदीप व उसके साथी साजिश रचा करते थे। कस्बा चोहला साहिब के पास 22 सितंबर को स्विफ्ट कार में सवार चार आतंकियों की गिरफ्तारी होते ही झब्बाल के रोमनदीप सिंह व उसके पिता दिलबाग सिंह भूमिगत हो गए थे।

पंडोरी गोला में हुए ब्लास्ट के बाद सिख फॉर जस्टिस के समर्थकों का आटा-चक्की पर आना-जाना था। अगस्त में पाकिस्तान से हथियार भारत भेजे गए थे। इन हथियारों को रोमनदीप की आटा-चक्की में गेहूं व आटे की बोरियों में छिपा कर लाना या ले जाना आसान था, इसलिए आटा-चक्की को सुरक्षित अड्डा माना जा रहा था।

पकड़े गए आतंकियों में से बाबा बलवंत सिंह निहंग ने पूछताछ में बताया था कि कस्बा झब्बाल से थोड़ी दूर धार्मिक डेरे पर भी उसका आना-जाना था। वह ज्यादातर होशियारपुर जिले में ही रहता था। वह सीधे आतंकी साजनप्रीत सिंह के संपर्क में था। साजनप्रीत सिंह के माध्यम से रोमनदीप सिंह ने अपना नेटवर्क KZF में मजबूत कर लिया था।

ड्रोन जलाने के बाद रात को रोमनदीप के घर पर सोए थे शुभदीप व आकाशदीप

पाकिस्तान से असलहा लेकर आए ड्रोन को नष्ट करने के लिए खापडख़ेड़ी के आकाशदीप सिंह व गांव चीचा के शुभदीप सिंह उस प्लॉट में पहुंचे थे, जहां कुछ दिन पहले ही रोमनदीप सिंह ने चारों ओर दीवारें बनवाई थीं। यहां ड्रोन लेकर पहुंचे दोनों आतंकियों ने शेलर के कमरे में ड्रोन को आग लगाकर नष्ट किया था।

धुआं ज्यादा न फैले इसके लिए रोमनदीप सिंह ने कमरे की एक दीवार को तोड़ दिया था। ड्रोन को नष्ट करने के बाद रोमनदीप दोनों साथियों को लेकर अपनी रिहायश में पहुंचा। तीनों ने यहीं रात गुजारी।

परिजनों ने कहा, बेकसूर है रोमनदीप

रोमनदीप सिंह को 14 साल की उम्र में हत्या के मामले में अदालत ने दोषी करार दिया था। रोमनदीप सिंह के पिता दिलबाग सिंह व मां गुरमीत कौर ने कहा कि ढाई माह तक होशियारपुर के बाल सुधार गृह में रहते समय रोमनदीप किस आतंकी से मिला, इसका जवाब शायद पुलिस के पास नहीं है।

उन्होंने आरोप लगाया कि करीब डेढ़ माह पहले पुलिस ने उसके खिलाफ हत्या का एक झूठा केस दर्ज किया है। उन्होंने संदेह जताया कि उनके परिवार को सियासी रंजिश के तहत बदनाम किया जा रहा है। गुरमीत कौर ने कहा कि उनका परिवार खालिस्तान के पक्ष में नहीं है। न ही उनका बेटा आतंकी है। हमें अदालत पर भरोसा है। हमें इंसाफ मिलेगा। वहीं, शनिवार को अदालत ने रोमनदीप को छह दिन के पुलिस रिमांड पर भेज दिया।

दो ड्रोन और बारूद की खेप तलाश रही पुलिस 

स्टेट स्पेशल ऑपरेशन सेल ने 22 सितंबर को KZF के आतंकी व होशियारपुर निवासी बलवंत सिंह उर्फ निहंग, बलबीर सिंह, हरभजन सिंह, गुरदेव सिंह, अमृतसर के खापडख़ेड़ी निवासी आकाशदीप सिंह उर्फ आकाश, कोट खालसा निवासी साजनप्रीत सिंह, तरनतारन निवासी शुभदीप सिंह, रोमनदीप सिंह और जेल में बंद मान सिंह को अलग-अलग समय में गिरफ्तार किया था।

आरोपितों की निशानदेही पर पंजाब पुलिस की खुफिया शाखा ने पांच एके-47 राइफलें, 12 मैगजीन, पिस्तौल और भारी संख्या में गोलियां बरामद की थीं। आतंकियों से दस लाख की भारतीय जाली करंसी भी बरामद की गई थी।
पूछताछ में आतंकियों ने बताया था कि पाकिस्तान में बैठा खालिस्तानी आतंकी रणजीत सिंह नीटा, फताहपुर जेल में बंद आतंकी मान सिंह और जर्मनी में बैठे आतंकी गुरमीत सिंह बग्गा के इशारे पर पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आइएसआइ ने देश में ड्रोन के जरिए हथियारों की खेप भेजी थी। पंजाब को दहलाने के लिए दस लाख रुपये की फंडिग भी जर्मनी से हो चुकी है।

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com