एजेंसी/पश्चिम बंगाल के कृष्णनगर जिले में एक सरकारी अस्पताल के डॉक्टरों ने लापरवाही की मिसाल पेश करते हुए एक नवजात शिशु का मृत्यु प्रमाणपत्र जारी कर दिया। लेकिन उसके बाद जब बच्चे के शरीर में जीवन के लक्षण नजर आए, तो उसे दोबारा अस्पताल में दाखिल करना पड़ा।
यह मामला नदिया जिले के कृष्णनगर सदर अस्पताल का है। जिला स्वास्थ्य अधिकारियों ने इस घटना की जांच के लिए एक उच्च-स्तरीय समिति का गठन किया है। नवजात शिशु के पिता बुलबुल मंडल के घरवालों ने दावा किया कि जन्म के तुरंत बाद ही डॉक्टरों ने नवजात का मृत्यु प्रमाणपत्र जारी कर दिया, लेकिन घर ले जाते वक्त बच्चे के शरीर में हरकत होने लगी।
उसके बाद उसे तुरंत उसी अस्पताल में ले जाया गया। डॉक्टरों ने बच्चे को दोबारा अस्पताल में दाखिल कर लिया। फिलहाल उसकी हालत ठीक है। जिले के मुख्य चिकित्सा अधिकारी तापस राय ने बताया कि इस मामले की जांच के लिए एक छह-सदस्यीय समिति का गठन किया गया है। बुलबुल के परिजनों ने पुलिस में कोई औपचारिक शिकायत नहीं दर्ज कराई है।