भीषण गर्मी के बीच देश की राजधानी में बढ़ते डेंगू और चिकनगुनिया के मामलों ने सबकी चिंता बढ़ा दी है. बुधवार की सुबह उपराज्यपाल अनिल बैजल ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन और तीनों नगर निगमों के अधिकारियों के साथ बैठक कर मौजूदा हालात की समीक्षा की.
उपराज्यपाल ने दिल्ली सरकार को अस्पतालों में पर्याप्त इंतजाम और नगर निगम को दवाईयों का छिड़काव करने और उनकी कमी न होने के निर्देश दिए हैं. साथ ही सरकारी दफ्तरों में पानी न इकट्ठा होने पाए इसके लिए भी कदम उठाने को कहा गया है. इसके अलावा अस्पतालों में पर्याप्त फीवर बेड, दवाइयों और जांच के लिए किट उपलब्ध करवाने से लेकर पूरे मामले पर नज़र बनाये रखने के निर्देश दिए हैं.
आपको बता दें कि दिल्ली के अस्पतालों में अभी से ही डेंगू और चिकनगुनिया के मरीज़ों की तादाद बढ़ रही है. आमतौर पर इन महीनों में डेंगू और चिकनगुनिया के मरीज़ न के बराबर रहते हैं. डॉक्टर आशंका जता रहे हैं कि अगर मच्छरों की रोकथाम में ढिलाई बरती गई तो इस साल डेंगू और चिकिनगुनिया के मामले बढ़ सकते हैं.
हाल में आई नगर निगम की रिपोर्ट के मुताबिक इस सप्ताह डेंगू के 21 नए मामले सामने आए हैं. साल 2017 में जून महीने तक डेंगू के कुल 61 मामले आ चुके हैं, जबकि पिछले साल इनकी संख्या सिर्फ 15 थी. इसी तरह चिकनगुनिया के इस साल 131 मामले सामने आए, जबकि पिछले साल इस समय तक सिर्फ 35 केस आए थे.
डेंगू और चिकनगुनिया को लेकर राजनीति भी जमकर हो रही है. दिल्ली सरकार के नेता डेंगू और चिकनगुनिया के बढ़े मामलों के लिए एमसीडी को जिम्मेदार बता रहे हैं. गोपाल राय का कहना है कि बीजेपी भले दोबारा चुनाव जीत गयी है, लेकिन एमसीडी में बैठे बीजेपी पार्षद अपना काम नही कर रहे हैं. एमसीडी दवाई न छिड़ककर डेंगू और चिकनगुनिया के मच्छर पनपने दे रही रही है, ताकि दिल्ली सरकार के अस्पताल में मौत की गिनती कर सके.’
फिलहाल डेंगू और चिकनगुनिया के मामले पर एक के बाद एक बैठकें भले हो रही हों लेकिन सवाल उठता है कि क्या नगर निगम की सत्ता में बैठी बीजेपी और दिल्ली की आम आदमी पार्टी सरकार मिलकर काम करेंगे?