देश की राजधानी दिल्ली में सड़कों पर ट्रैफिक नियम तोड़ने वालों की संख्या दिनों दिन बढ़ रही है। सबसे ज्यादा मामले दोषपूर्ण नंबर प्लेटों से जुड़े हैं।
दिल्लीवासियों को अपनी जान की परवाह नहीं है। राजधानी वासी ट्रैफिक नियमों का जमकर मजाक उड़ाते हैं। इसका प्रत्यक्ष उदाहरण दोष पूर्ण (डिफेक्टिव नंबर प्लेट) नंबर के साथ चलने की प्रवृत्ति है। इस तरह की नंबर प्लेट के साथ चलने वालों की संख्या में पिछले साल की तुलना में 268 फीसदी की वृद्धि हुई है।
माइनर ड्राइविंग के मामलों में भी रिकार्ड 573 फीसदी की वृद्धि हुई है। दिल्ली ट्रैफिक ने इस तरह के उल्लंघन के मामलों से निपटने के लिए चेकिंग अभियान तेज कर दिया है। ट्रैफिक पुलिस की ओर से रविवार को जारी किए गए वर्ष 2024 के आंकड़ों से पता चलता है कि पुलिस ने दोषपूर्ण नंबर प्लेट के लिए 16859 मालिकों के चालान किए गए हैं, जबकि 2023 में 4363 वाहन चालकों के चालान किए गए थे।
इस तरह पिछले वर्ष की तुलना में ऐसे मामलों में लगभग 286 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी हुई है। इसके अतिरिक्त पुलिस ने 2024 में दोषपूर्ण नंबर प्लेट के सबसे अधिक चालान वाले शीर्ष दस ट्रैफिक सर्किलों का गहन विश्लेषण कर यहां चेकिंग से लेकर जागरूकता अभियान चलाना शुरू कर दिया है।
खतरनाक होतीं दिल्ली की सड़कें
माइनर राइडिंग के केस 573 फीसदी बढ़े।
अब ट्रिपल राइडिंग के मामले भी 66% बढ़े।
गलत दिशा में वाहन चलाने वाली की संख्या 67% बढ़़ी।
दोषपूर्ण नंबर प्लेस के साथ चलने वालों की संख्या 268% बढ़ी।
लाइट जंपिंग व ओवर स्पीड के मामलों में भी बढ़ोत्तरी हुई है।
क्या है दोषपूर्ण नंबर प्लेट
दोषपूर्ण नंबर प्लेट, जिनमें वह वाहन शामिल हैं जो अपठनीय हैं, अनुचित तरीके से प्रारूपित हैं या निर्धारित मानकों के अनुरूप नहीं हैं। इससे निपटने के लिए, दिल्ली यातायात पुलिस ने उल्लंघनकर्ताओं की निगरानी और उन्हें पकडऩे के लिए अतिरिक्त कर्मियों और संसाधनों को तैनात किया है। शहर भर में विशेष अभियान और चेक पॉइंट स्थापित किए गए हैं।
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