ठगों ने एक शोरूम के नाम पर फर्जी अकाउंट खुलवाया और उन्होंने अलग-अलग बैंक से लोन लेना शुरू किया। हैरानी की बात ये है कि किसी भी बैंक ने उनके ऑफिस या शोरूम पर जाकर वैरिफिकेशन नहीं किया और उन्हें लोन दे दिया। उन ठगों ने इस तरह 35 गाड़ियों के लिए तीन करोड़ रुपये से अधिक का कार लोन ले लिया। फर्जीवाड़े का पता तब लगा जब लोन की किश्त नहीं चुकाई गई।
ये मामला बिहार की राजधानी पटना में सामने आया है। ठगों ने बैंकों की साठगांठ से फर्जीवाड़ा कर तीन करोड़ रुपये का कार लोन ले लिया। इस ठगी का पता तब चला जब कर्जदारों ने लोन की किस्त जमा नहीं कराई। इसके बाद बोरिंग रोड स्थित इलाहाबाद बैंक ने एसकेपुरी थाने में एफआईआर दर्ज कराई। ऑटोमोबाइल्स शोरूम कंपनी ने भी अपनी ओर से एफआईआर के लिए लिखित आवेदन एसकेपुरी थाने में सोमवार को दी है।
ठगों ने यह सारा खेल बोरिंग रोड स्थित एक प्रतिष्ठित कार शोरूम के नाम पर फर्जी खाता खुलवाकर किया। फर्जी खाता खुलवाने के बाद ठगों ने अपने ही लोगों के जरिए अलग-अलग बैंकों से लोन लेना शुरू किया। बैंक कर्मियों की मिलीभगत से ठग फर्जी तरीके से खुलवाए गये खाते के नाम पर लोन का डिमांड ड्राफ्ट बनवा खुद ले लेते थे। इसके बाद ड्राफ्ट खाते में डाल रुपये निकाल लेते थे। इस तरह 35 गाड़ियों के लिए तीन करोड़ रुपये से अधिक का कार लोन ले लिया।
बैंक ने नहीं कराया था सत्यापन: कार शोरूम के नाम पर खाता फुलवारीशरीफ स्थित यूको बैंक के ब्रांच में खुलवाया गया था। फिर ठग इलाहाबाद बैंक की बोरिंग रोड शाखा सहित कई बैंकों से कार लोन पास करवाकर फर्जी खातों में रकम डालते रहे। आश्चर्य की बात यह है कि जिस ऑटो मोबाइल्स शोरूम कंपनी के नाम पर फर्जी बैंक खाता खुलवाया गया, वहां जाकर एक बार भी बैंक कर्मियों ने सत्यापन तक नहीं किया।
बैंकों ने शोरूम की बजाय ग्राहकों को दिया डीडी: ठगों ने बेहद शातिराना अंदाज में फर्जी लोन का खेल खेला और इसमें कई बैंक कर्मचारियों ने उनका बखूबी साथ दिया। सबसे पहले यूको बैंक में ऑटोमोबाइल्स शोरूम के नाम पर खाता खुलवाया गया। इसके बाद ठगों ने अलग-अलग बैंकों में कार लोन के लिए आवेदन दिए। लोन मिलते ही बैंक की मिलीभगत से डिमांड ड्राफ्ट डीलर यानी कार शोरूम को न देकर सीधे जालसाजों को दे दिए जाते थे। जालसाज उसे कार शोरूम के नाम पर खोले गये फर्जी खाते में डालकर रुपये भंजा लेते थे। इस मामले में ठग गिरोह की गिरफ्तारी बेहद अहम है। अगर ठग नहीं पकड़े गये तो वे और भी बड़ा फर्जीवाड़ा कर सकते हैं। सूत्रों की मानें तो पुलिस के पास अहम सुराग हैं और अगर जल्द कार्रवाई की गयी तो ठगों को पकड़ा जा सकता है।.
ठगों को पता था कि लोन का फर्जीवाड़ा तभी हो सकता है जब इसमें किसी बड़ी कार शोरूम कंपनी का नाम हो। इस कारण उन्होंने उसी शोरूम के नाम पर खाता खुलवाया। अगर जांच हो तो कई बैंकों के कर्मियों पर गाज गिर सकती है।
कुछ दिन पहले इलाहाबाद बैंक की बोरिंग रोड शाखा के अफसर कार शोरूम में पहुंचे और लोन के एवज में ईएमआई नहीं मिलने की बात बतायी। उन्होंने ग्राहक का पूरा ब्योरा मांगा। जब कार शोरूम के अफसरों ने अपने पास संबंधित व्यक्ति का ब्योरा खंगाला तो पता चला कि उसने यहां से गाड़ी खरीदी ही नहीं है। इसके बाद शोरूम के अधिकारी हरकत में आये और पूरे मामले की जानकारी लेनी शुरू की।