2 अक्टूबर को आशा पारेख का बर्थडे है। इस साल आशा पारेख अपना 76 वां बर्थडे सेलिब्रेट करेंगी! हिन्दी सिनेमा की नायिकाओं में आशा पारेख की इमेज टॉम-बॉय की रही है। चुलबुली, शरारती और नटखट अंदाज़। यही वज़ह रही कि आशा के समकालीन एक्टर्स उनसे दूर रहने में ही अपनी भलाई समझी।
लेकिन, यह भी काबिलेतारीफ है कि आशा के बारे में मीडिया में कभी अभद्र गॉसिप या स्केण्डल नहीं छपे। अलबत्ता आशा का साथ पाकर उनके नायकों की फ़िल्में बॉक्स ऑफिस पर सिल्वर तथा गोल्डन जुबिली मनाती रहीं। 1959 से 1973 के बीच वो हिंदी फ़िल्मों की टॉप अभिनेत्रियों में शुमार रही हैं। रिटायरमेंट के बाद वो अपनी डांस एकेडमी चलाती रही हैं। एक गुजराती परिवार में पन्नालाल और सुधा पारेख की बेटी के रूप में 2 अक्टूबर, 1942 को जन्मीं अभिनेत्री आशा पारेख को डांस के शौक ने इस मुकाम तक पहुंचाया। बाल कलाकार के रूप में उनकी पहली फ़िल्म आई 1952 में दलसुख पंचोली की ‘आसमान’। हीरोइन के रूप में उनकी पहली फ़िल्म थी ‘दिल देके देखो’, जो सफल हुई थी। लगभग अस्सी फ़िल्मों में बतौर अभिनेत्री काम कर चुकीं आशा पारेख की तमाम फ़िल्में बेहद पसंद की गई, जिनमें ‘जब प्यार किसी से होता है’, ‘घराना’, ‘फिर वही दिल लाया हूं’, ‘मेरी सूरत तेरी आंखें’, ‘भरोसा’, ‘मेरे सनम’, ‘तीसरी मंजिल’, ‘लव इन टोक्यो’, ‘दो बदन’, ‘आये दिन बहार के’, ‘उपकार’, ‘शिकार’, ‘साजन’, ‘आया सावन झूम के’, ‘पगला कहीं का’, ‘कटी पतंग’, ‘आन मिलो सजना’, ‘मेरा गांव मेरा देश’, ‘कारवां’, ‘समाधि’, ‘जख्मी’, ‘मैं तुलसी तेरे आंगन की’ उल्लेखनीय हैं। आगे बढ़ने से देखें उनकी लेटेस्ट तस्वीर!
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