एयरटेल, जियो और वोडाफोन आइडिया ने पिछले साल दिसंबर में अपने प्री-पेड टैरिफ प्लान महंगे किए थे। टेलीकॉम कंपनियों के इस प्लान के बाद लोगों को करीब 45 फीसदी अधिक पैसे खर्च करने पड़ रहे हैं। वहीं कुछ दिन पहले ही ट्राई ने जियो को झटका देते हुए कहा था कि 31 दिसंबर 2020 तक टैरिफ प्लान की मिनिमम कीमत तय नहीं की जाएगी।
ट्राई के इस फैसले से जियो को झटका लगा, क्योंकि जियो ने इंटर कनेक्ट चार्जेज (आईयूसी) शुल्क लगाते हुए कहा था कि 31 दिसंबर के बाद यह शुल्क खत्म कर दिया जाएगा, लेकिन ट्राई का फैसला जियो के पक्ष में नहीं आया।
यह बात आप भी जानते होंगे कि जियो को छोड़कर तमाम टेलीकॉम कंपनियां आर्थिक संकट से जूझ रही हैं। ऐसे में टेलीकॉम ऑपरेटर्स जल्द ही फिर से अपने टैरिफ प्लान महंगे करने की तैयारी में हैं।
टेलीकॉमटॉक की रिपोर्ट में कहा गया है कि इस बार 28 दिन वाले टैरिफ प्लान की कीमतें बढ़ेंगी, ताकि कंपनियों के एवरेज रेवेन्यू पर यूजर (ARAPU) में इजाफा हो। रिपोर्ट में कहा गया है कि 28 दिन वाले ग्राहकों के साथ खतरा है, क्योंकि अच्छी सेवा नहीं मिलने पर दूसरे ऑपरेटर्स में जानें की इनकी संभावना अधिक रहती है। जबकि 84 दिन प्लान वाले ग्राहक स्थायी होते हैं।
एक्सपर्ट का कहना है कि 28 दिन वाले प्लान में लोगों के पास विकल्प बहुत कम हैं। बीते दिसंबर में 28 दिनों वाले प्लान की कीमत में महज 15 फीसदी तक की वृद्दि हुई थी जिसके बाद इन प्लान की कीमत 148 रुपये तक पहुंची है।
वहीं डच बैंक का कहना है कि टेलीकॉम कंपनियों को 28 दिन की वैधता के साथ अधिक डाटा वाले प्लान पेश करने चाहिए। उदाहरण के तौर पर 5 जीबी, 10 जीबी और 20 जीबी के डाटा प्लान लॉन्च किए जा सकते हैं। इनकी कीमतें क्रमश- 200, 300 और 400 रुपये होगी। इन प्लान के जरिए टेलीकॉम कंपनियों को अपने ARPU में कम-से-कम 50 रुपये का इजाफा देखने को मिलेगा।
टैरिफ प्लान की कीमतों को लेकर एक और अनुमान लगाया जा रहा है कि इस साल के अंत तक टेलीकॉम कंपनियां अपने टैरिफ प्लान 25-30 फीसदी तक महंगे कर सकती हैं, क्योंकि इस फैसले से टेलीकॉम कंपनियों के ARPU में 180-200 रुपये तक का इजाफा होगा।
यदि टेलीकॉम कंपनियां वास्तव में ऐसा करती हैं तो जियो के आने से पहले जो प्लान कीमतें थीं, फिर से वहीं पहुंच जाएंगी। तो क्या आप फिर से 9 रुपये में 30एमबी डाटा खरीदने के लिए तैयार हैं? हमें कॉमेंट में बताएं…