टूलकिट केस : अदालत ने शांतनु मुलुक की गिरफ़्तारी पर 8 मार्च तक रोक लगाई

किसान आंदोलन को वैश्विक तौर पर फैलाने के लिए टूलकिट बनाकर ट्विटर स्टॉर्म लाने के आरोपी बनाए गए शांतनु मुलुक की अग्रिम जमानत पर सुनवाई के दौरान गुरुवार को दिल्ली पुलिस ने अपना जवाब दाखिल करने के लिए और समय मांगा।

इस पर अदालत ने इस मामले की अगली सुनवाई 9 मार्च तक के लिए टाल दी है और दिल्ली पुलिस को निर्देश दिया है कि तब तक वह शांतनु के खिलाफ कोई सख्त कार्रवाई न करे। इस तरह शांतनु को गिरफ्तारी से आठ मार्च तक के लिए राहत मिल गई है।

अदालत ने तीन कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के विरोध प्रदर्शन के सिलसिले में सोशल मीडिया पर शेयर की गई टूलकिट मामले के सह-आरोपी शांतनु मुलुक की अग्रिम जमानत अर्जी पर पुलिस से जवाब मांगा था।

अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश धर्मेंद्र राणा के समक्ष अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई से पूर्व ही सरकारी वकील इरफान अहमद पर सुनवाई स्थगित करने का आग्रह करते हुए फिजिकल सुनवाई करने का आग्रह किया था। इसके अलावा उन्होंने बताया कि जो अधिकारी आज उपलब्ध नहीं हैंं उनकी उपस्थिति में ही सुनवाई की जाए।

वहीं शांतनु की ओर से पेश अधिवक्ता सरीम नावेद ने अदालत को बताया कि मुंबई हाईकोर्ट ने शांतनु को 10 दिनों के लिए अग्रिम जमानत दे दी थी जो 26 फरवरी 2021 तक प्रभावी है। उन्होंने कहा कि इसके बाद दिल्ली पुलिस उनके मुवक्किल शांतनु को गिरफ्तार कर सकती है। ऐसे में जमानत पर जल्द सुनवाई की जाए।

अदालत ने उनके आग्रह को स्वीकार कर अभियोजन पक्ष को गुरुवार को ही अपना पक्ष रखने का निर्देश दिया था। शांतनु अन्य सह आरोपी निकिता जैकब के साथ टूलकिट एफआईआर के संबंध में सोमवार से जांच में शामिल हुए हैं। इस मामले में आरोपी दिशा रवि को अदालत ने सोमवार को ही जमानत पर रिहा किया था।

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