पाकिस्तान से आए टिड्डी दल ने देश के कई राज्यों की मुसीबत बढ़ा दी हैं। देश के नौ राज्यों पर टिड्डियों का खतरा मंडरा रहा है। इनमें राजस्थान, पंजाब, हरियाणा, मध्यप्रदेश, गुजरात, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल जैसे राज्य शामिल हैं।
हालांकि, राज्य सरकार ने इनसे निपटने के लिए कमर कस ली है। साथ ही प्रशासन और किसान भी अलर्ट पर हैं। टिड्डियों के इन दलों को मानसून से पहले तक खत्म करने की तैयारी है, क्योंकि उस समय खरीफ की फसल तैयार होगी और ये उसको भारी नुकसान पहुंचा सकते हैं।
केंद्र सरकार के टिड्डी चेतावनी संगठन (एलडब्ल्यूओ) ने बताया है कि ये टिड्डियां आने वाले महीनों में किसानों के आगे बड़ा खतरा उत्पन्न करेंगी। इन्हें मानसून से पहले तक खत्म करना जरूरी है, क्योंकि ऐसा नहीं करने पर फसलों को भारी नुकसान हो सकता है। वर्तमान में टिड्डियां राजस्थान, मध्यप्रदेश, गुजरात और महाराष्ट्र में 303 जगहों पर 47 हजार 308 हेक्टेयर फसल को नुकसान पहुंचा चुकी हैं।
टिड्डियों का दल बुधवार को उत्तर प्रदेश के झांसी पहुंच गया। झांसी मंडल के कृषि उप निदेशक कमल कटियार ने कहा कि इन टिड्डियों को भगाने की कोशिश की जा रही है।
इन्होंने एक किलोमीटर के क्षेत्र को कब्जाया हुआ है। साथ ही कीटनाशकों का छिड़काव भी जारी है। इसके अलावा डीजे और बर्तनों से शोर भी किया जा रहा है, ताकि इन्हें भगाया जा सके। दूसरी तरफ, सूबे के ललितपुर, मथुरा और कानपुर देहात समेत 13 जिलों में सतर्कता बढ़ा दी गई है।
राजस्थान में हालात इस कदर खराब हो चुके हैं कि कृषि विभाग ने जयपुर में टिड्डियों के दल पर नियंत्रण पाने के लिए कीटनाशक का छिड़काव किया है। इसके लिए बकायदा उन्होंने ड्रोन की मदद ली है।
वहीं, दमकल विभाग की 89 गाड़ियों से भी छिड़काव की तैयारी की गई है। राज्य के उच्च शिक्षा मंत्री भंवर सिंह भाटी ने टिड्डियों से निपटने के लिए 120 सर्वेक्षण वाहन और 810 ट्रैक्टर तैयार किए हैं, जिनसे दवा का छिड़काव किया जाएगा।
बताया गया है कि छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव में लाखों की संख्या में टिड्डियां आ सकती हैं। इस हमले के लिए प्रशासन पूरी तरह तैयार है। किसानों को इनसे बचने के लिए उपाय बताए जा रहे हैं।
अधिकारियों ने बताया कि राजनांदगांव में जिला स्तरीय दल गठित किए गए हैं। कृषि विभाग के अधिकारियों ने बताया कि किसानों से चर्चा कर 20 ट्रैक्टर स्प्रेयर की व्यवस्था की जा रही है।
टिड्डियों के दल ने महराष्ट्र के नागपुर में भी प्रवेश कर लिया है। इस दल के रामटेक शहर की ओर बढ़ने की संभावना है। टिड्डियों का 17 किमी के इलाके में फैला दल पहले नागपुर के कोटल के फेत्री, खानगांव के खेतों में घुसा। इसके बाद इन्होंने वर्धा में संतरे और सब्जियों की फसल को नुकसान पहुंचाया।