भारतीय अर्थव्यवस्था की कमजोरी का असर टाटा स्टील के मुनाफे पर भी पड़ा है। कंपनी की ओर से जारी तीसरे तिमाही के वित्तीय आंकड़ों के अनुसार टाटा स्टील को दूसरी तिमाही में 3400 करोड़ रुपये का मुनाफा हुआ था जो घटकर 1194 करोड़ रुपये हो गया है। 
कंपनी का रेवेन्यू बढ़ा है। समेकित रूप से दो तिमाही के बीच कंपनी के रेवन्यू में तीन फीसदी की बढ़ोतरी के साथ 35,520 करोड़ जबकि इंडियन ऑपरेशन में पांच फीसदी की बढ़ोतरी के साथ बढ़कर 21,299 करोड़ रुपये तक पहुंच गया है। तीसरी तिमाही में कंपनी ने दूसरी तिमाही के 4.38 मिलियन टन की अपेक्षा 4.47 मिलियन टन का उत्पादन जबकि 3.89 मिलियन टन की तुलना में 4.85 मिलियन टन डिलीवरी की है।
धीमा रहा बाजार
कंपनी प्रबंधन की माने तो अमेरिका-चीन व्यापार युद्ध के कारण वैश्विक आर्थिक विकास धीमा रहा। कमजोर औद्योगिक उत्पादन के कारण बाजार में स्टील की डिमांड भी कम रही। वहीं, यूरोप में भी मौसम व गलत आयात से भी मंदी का असर रहा। वहीं, इस तिमाही भारतीय अर्थव्यवस्था भी कमजोर रही। इसका असर स्टील की बिक्री पर पड़ा।
ये कहते सीईओ
खराब वृहद आर्थिक स्थितियों के बावजूद वॉल्यूम में मजबूत वृद्धि दर्ज हुई। हमारे व्यापार मॉडल के कारण मंदी से निपटने में मदद मिली। हमें ब्रांडेड उत्पादों की बिक्री के अनुपात को बनाया रखा। ऑटो सेक्टर की सुस्ती के बावजूद हमने अपनी बिक्री को पूर्ववत बनाए रखा। हमारे दोनो अधिग्रहण, टाटा स्टील बीएसएल और टाटा स्टील लांग प्रोडक्ट में ऑपरेशन में सुधार बाजार में मील का पत्थर साबित होगा।
-टीवी नरेंद्रन, सीईओ सह एमडी
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