झारखंड विधानसभा के बजट सत्र में मंगलवार को सदन की कार्यवाही शुरू हो गई है। कोरोना वायरस से लड़ने के लिए सरकार की ओर से किए गए बड़े एलानों के बीच विधानसभा में विजिटर्स के आने पर सख्त रोक लगा दी गई है। यहां अब विधायक, अधिकारी और मीडिया को ही कार्यवाही के दौरान मौजूद रहने की इजाजत दी गई है। इधर लोहरदगा में सीएए के समर्थन में निकाले गए जुलूस पर हिंसक भीड़ के हमले के मामले में भाजपा ने राज्य सरकार से न्यायिक जांच कराने की मांग की है। भाजपा विधायकों ने सदन की कार्यवाही शुरू होने से पहले मुख्य द्वार पर बैनर-तख्तियों के साथ जोरदार प्रदर्शन किया। सदस्यों ने लोहरदगा दंगे की जांच कराओ, न्यायिक जांच कराओ के नारे लगाए। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने भाजपा विधायकों के हंगामे पर कहा कि विधानसभा को मछली बाजार मत बनाइए।
दोपहर बाद सदन में दूसरी पाली की कार्यवाही शुरू हुई। इस दौरान महिला एवं बाल विकास तथा कल्याण विभाग की अनुदान मांगों पर चर्चा हुई। माले विधायक विनोद कुमार सिंह ने विभिन्न योजनाओं में राशि खर्च नहीं होने पर सवाल उठाया। इस दौरान झामुमो विधायक लोबिन हेम्ब्रम के वक्तव्य पर भाजपा विधायक भड़के। वेल में पहुंचे और हंगामा किया।
लोबिन ने आरोप लगाया कि रघुवर सरकार ने आदिवासियों को झारखंड से भगाने का संकल्प ले लिया था। लोबिन का समर्थन करते हुए स्टीफन मरांडी ने कहा कि रघुवर दास ने बयान दिया था कि आदिवासी मुक्त झारखंड बनाएंगे। अनुदान मांगों पर चर्चा के बाद सरकार के उत्तर के समय भाजपा विधायकों ने सदन का बहिष्कार किया। मंत्री जोबा मांझी ने कहा कि सभी लाभुकों को वृद्धा व विधवा पेंशन समय पर मिलेगा। उन्होंने 18 वर्ष से अधिक उम्र की विधवा को पेंशन देने की भी बात कही।
इससे पूर्व, झारखंड विधानसभा के बजट सत्र में एक बार फिर भाजपा विधायकों ने हंगामा किया है। पहली पाली की कार्यवाही के बीच वेल में आए भाजपा विधायकों ने लोहरदगा में सीएए के समर्थन में निकली रैली पर हमले के आरोपितों को दंडित करने की मांग की। इस दौरान सदस्य लगातार सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते रहे। विधायक बंधु तिर्की ने सीएए, एनपीआर, एनआरसी को कोरोना वायरस से ज्यादा खतरनाक बताया, जिसका भाजपा विधायकों ने जमकर विरोध किया। इस बीच सदन हंगामे में डूबा रहा।