भारतीय कुश्ती संघ विवाद के बीच कांग्रेस सांसद नेता राहुल गांधी झज्जर जिले के छारा गांव में वीरेंद्र आर्य अखाड़े पहुंचे। यहां उन्होंने बजरंग पूनिया समेत पहलवानों से बातचीत की।
दरअसल, भारतीय कुश्ती संघ के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर महिला पहलवान अड़ी हुई हैं। वहीं, बृजभूषण के करीबी संजय सिंह बबलू को फेडरेशन का नया अध्यक्ष चुने जाने के विरोध में पहलवान साक्षी मलिक ने कुश्ती छोड़ने का निर्णय लिया।
इसके बाद पहलवान बजरंग पूनिया ने अपना पद्मश्री पीएम आवास के सामने छोड़ दिया। विनेश फोगाट ने भी अपना अर्जुन अवार्ड और मेजर ध्यानचंद खेल पुरस्कार लौटा दिया है।
इस बीच राहुल गांधी बुधवार सुबह-सुबह झज्जर जिले में पहुंचे। राहुल गांधी छारा गांव में वीरेंद्र आर्य अखाड़े पहुंचे। यहां उन्होंने बजरंग पूनिया समेत पहलवानों से बातचीत की।
अब विनेश ने खेल रत्न और अर्जुन अवॉर्ड लौटाया
साक्षी मलिक के संन्यास और बजरंग के पद्मश्री लौटाने के बाद अब एशियाई खेलों की स्वर्ण पदक विजेता पहलवान विनेश फोगाट ने मंगलवार को अपने मेजर ध्यानचंद खेल रत्न और अर्जुन अवॉर्ड को वापस कर दिया। विनेश ने यह कदम भारतीय कुश्ती महासंघ के पूर्व अध्यक्ष और भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह के करीबी संजय सिंह के महासंघ के अध्यक्ष चुने जाने के विरोध में उठाया है। विनेश ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखे पत्र में अपने पुरस्कार लौटाने की घोषणा सोशल मीडिया पर की।
अवॉर्ड लौटाने वाली तीसरी पहलवान
बजरंग और पहलवान वीरेंद्र सिंह के पद्मश्री लौटाने के बाद विनेश अवॉर्ड वापस करने वाली तीसरी पहलवान हैं। हालांकि खेल मंत्रालय ने साक्षी मलिक, बजरंग और विनेश के विरोध के बाद 21 दिसंबर को चुने गए कुश्ती महासंघ को निलंबित कर उसके रोजाना के कार्यों पर रोक लगा दी थी। मंत्रालय ने भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) से महासंघ का कार्य देखने के लिए तदर्थ समिति गठित करने का भी आग्रह किया था। हालांकि अभी तक समिति गठित नहीं की गई है।
अवॉर्ड का जिंदगी में कोई मतलब नहीं रह गया
विनेश ने पत्र में लिखा कि साक्षी ने कुश्ती छोड़ दी है और बजरंग ने अपना पद्मश्री लौटा दिया है। यह किस मजबूरी में करना पड़ा, यह सारे देश को पता है। विनेश ने लिखा कि देश की कोई मां नहीं चाहेगी कि उसकी बेटी की यह हालत हो। मैं पुरस्कार लेती विनेश की छवि से छुटकारा पाना चाहती हूं। खेल रत्न और अर्जुन अवॉर्ड का मेरी जिंदगी में अब कोई मतलब नहीं रह गया है। विनेश ने अंत में लिखा कि हर महिला सम्मान से जीना चाहती है, इसलिए वह अपने अवॉर्ड वापस कर रही हैं, जिससे सम्मान से जीने की राह में ये पुरस्कार हमारे ऊपर बोझ नहीं बन सकें।
गुलदस्ता न होने पर कोच ने मूली देकर किया राहुल गांधी का स्वागत
कांग्रेस नेता राहुल गांधी बुधवार सुबह झज्जर के छारा गांव स्थित वीरेंद्र अखाड़ा में पहुंचे। यहां उन्होंने पहलवानों से मुलाकात की। उनके साथ पहलवान बजरंग पूनिया भी मौजूद रहे। यहां गुलदस्ता न होने पर अखाड़े के कोच ने खेत से मूली निकालकर उनका स्वागत किया। राहुल गांधी ने बजरंग पूनिया के साथ काफी देर अखाड़े में कुश्ती भी की। राहुल गांधी करीब पौने घंटे तक अखाड़े में रुके।