प्रकृति का अटल सत्य है की इस संसार में जिसने भी जन्म लिया है, उसे एक दिन मृत्यु के रूप में इस संसार को छोड़कर जाना ही है। किसी भी व्यक्ति की मृत्यु के कई कारण हो सकते हैं। ज्योतिष शास्त्र में कुछ ऐसे ही कारणों व योगों का उल्लेख किया गया है, जिसके कारण व्यक्ति को मृत्यु प्राप्त होती है। तो आइये जानते हैं वह कारण व योग कौन से हैं?
– यदि व्यक्ति की कुंडली में लग्न से तृतीय भाव में व कारक ग्रह से तृतीय भाव में सूर्य विराजमान होता है, तो व्यक्ति किसी राजकीय कारण से मृत्यु को प्राप्त करता है।
– यदि व्यक्ति की कुंडली के अष्टम भाव में कोई स्थिर राशि होती है या उस राशि का स्वामी किसी स्थिर राशि में होता है, तो व्यक्ति की मृत्यु उसके घर में होती है।
– जब व्यक्ति की कुंडली के तीन ग्रह एक ही राशि में विराजमान होते हैं, तो व्यक्ति की मृत्यु किसी पवित्र नदी के तट पर या गंगा नदी के निकट होती है।
– जब व्यक्ति लग्न की महादशा चल रही हो व शत्रु ग्रह, अन्तर्दशा में विराजमान होते हैं तो इससे व्यक्ति की आकस्मात मृत्यु हो जाती है।
– यदि व्यक्ति की कुंडली के छठे भाव के स्वामी का संबंध मंगल से होता है, तो व्यक्ति किसी बिमारी के कारण मृत्यु को प्राप्त करता है।
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