जो कागजों में मर गए…वो वोट देने आए थे, सूची में मृत दर्शाए गए 15 मतदाता

ऊधमसिंह नगर के शांतिपुरी क्षेत्र के आनंदपुर गांव में सिस्टम की गलती का खामियाजा 15 मतदाताओं को भुगतना पड़ा। ग्रामीण उत्साहित होकर मतदान केंद्र में मत देने पहुंचे तो पता चला कि सूची में वे मृत दर्शाए गए हैं। इससे वे हक्के बक्के रह गए। 

शांतिपुरी क्षेत्र के आनंदपुर गांव में सिस्टम की गलती का खामियाजा 15 मतदाताओं को भुगतना पड़ा। ग्रामीण उत्साहित होकर मतदान केंद्र में मत देने पहुंचे तो पता चला कि सूची में वे मृत दर्शाए गए हैं। इससे वे हक्के बक्के रह गए। उन्होंने प्रशासन को सूचना दी। हालांकि वे मतदान नहीं कर पाने की वजह से निराश दिखे।ग्राम आनंदपुर में वोट डालने पहुंचे 15 लोगों के सामने अजीब की स्थिति पैदा हो गई। इन लोगों को सूची में मृत दर्शाया गया था। इनमें राजकुमार पांडे, नागेंद्र कुमार, विरेशवर सिंह, सूबेदार सिंह, सरदार बहादुर सिंह, वीरेंद्र पांडे, अमित कुमार गुप्ता, पूजा कुशवाहा, अरविंद कुमार, रुद्रप्रताप सिंह, सुग्रीव सिंह, हाल्थर प्रसाद, चरन सहित दो अन्य शामिल रहे। अमित कुमार गुप्ता की चुनावी ड्यूटी भी लगी हुई है और उसको भी सूची में मृत दर्शाया गया था। ग्रामीण विरेश्वर सिंह, राजकुमार पांडे की पत्नियों का देहांत हो चुका है, लेकिन सूची में पत्नियों के साथ उनको भी मृत दर्शाया गया था। रुद्रप्रताप और विरेश्वर सिंह ने बताया कि उनका नाम मृत सूची में होना बड़ी लापरवाही है। बताया कि इस संबंध में स्थानीय प्रशासन को शिकायत की गई थी। इस पर दो सदस्यीय टीम आई थी और उनके नाम दर्ज कर ले गई लेकिन वे अपने मताधिकार का इस्तेमाल नहीं कर पाए, इसका उन्हें दुख है।

कुछ मतदाता नहीं कर पाए मतदान
सितारगंज वार्ड- छह निवासी शहवान अंसारी ने बताया कि वह जीआईसी में बने बूथ पर वोट डालने पहुंचा। वहां मौजूद कर्मचारियों ने बताया कि उनका नाम वोटर लिस्ट में नहीं है, इसलिए वह वोट नहीं डाल सका। वहीं, वार्ड नंबर-3 निवासी इश्तियाक अहमद ने कहा कि मतदान पर्ची नहीं होने के कारण वह भी वोट नहीं डाल पाया। इस्लामनगर और वलीनगर के 40 से अधिक लोगों का नाम वोटर लिस्ट से गायब रहा, जिससे वह वोट नहीं डाल पाए।

भाकियू प्रदेशाध्यक्ष पड्डा वोट डालने को लेकर रहे परेशान
बाजपुर भाकियू के प्रदेशाध्यक्ष करम सिंह पड्डा वोट डालने के लिए शुक्रवार सुबह सेंट मेरी स्कूल बूथ पर पहुंचे। इस दौरान पीठासीन अधिकारी उन्हें कहा कि आपका वोट डल गया है। जिस पर पड्डा निराश होकर वापस लौट आए। भाकियू प्रदेशाध्यक्ष के वोट डल जाने का मामला सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। जिस पर अधिकारी हरकत में आए। पता चला कि पड्डा 85 प्लस के दायरे में आते है। कुछ दिन पहले उनके घर टीम गई थी। लेकिन पड्डा ने बूथ पर जाकर ही मतदान करने की बात कही। लेकिन टीम ने वोट की रिपोर्ट भेज दी थी। इसी आधार पर पीठासीन अधिकारी ने वोट डल जाने की बात कही थी। पड़ताल के बाद भाकियू प्रदेशाध्यक्ष करम सिंह पड्डा ने पुनः बूथ पर जाकर मतदान किया। इसकी किसानों में खूब चर्चा रही। 

मतदाता सूची से नाम गायब, लोगों में रोष
बाजपुर भाकियू जिला वरिष्ठ उपाध्यक्ष सन्नी निज्जर ने बताया कि शुक्रवार सुबह वह पत्नी के साथ वोट डालने के लिए बेरिया दौलत बूथ पर गए। लेकिन उनके परिवार के 15 नाम मतदाता सूची से गायब मिले। इस कारण वह मताधिकार का प्रयोग नहीं कर सके। जिस पर उन्होंने आक्रोश व्यक्त किया है। गांव माहोली जंगल, बेरिया दौलत, मजरा प्रभु सहित अन्य कई बूथों पर लोगों के नाम मतदाता सूची से गायब मिले। लोगों ने एक साजिश के तहत मतदाता सूची से नाम गायब करने का आरोप लगाया है। 

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