पांच-पांच लाख रुपये के मुआवजे का मरहम लगाया है। इसके साथ ही सरकार पीडित परिवारों को नौकरियां देने और उनके बच्चों की शिक्षा की व्यवस्था करने पर भी विचार कर रही है। दूसरी अोर, पीडि़त परिवारों का कहना है कि अपनी की मौत की यह कीमत लेकर क्या करेंगे। परिवार का सहारा ताे चला गया अब पूरी जिंदगी कैसे कटेगी।
रेल हादसे में मारे गए 21 लोगों के परिवारों को सोमवार को मुआवजा राशि के चेक दिए गए। गुरदासपुर से सांसद सुनील जाखड़ ने पंजाब के स्वास्थ्य मंत्री ब्रह्म मोंहिंदरा, राजस्व मंत्री सुखिबिंदर सिंह सुख सरकारिया और स्थानीय निकाय मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू ने स्थानीय सर्किट हाउस में पीडि़त परिवार को पांच-पांच लाख रुपये के चेक सौंपे।
सुनील जाखड़ ने कहा कि पीडि़त हौसला रखें, सरकार उनके साथ है। सेहत मंत्री ब्रह्म मोहिंदरा ने कहा कि मुख्यमंत्री चाहे सरकारी दौरे पर विदेश में हैं, लेकिन वह कई-कई बार फोन कर घायलों के इलाज और परिवारों के पुनर्वास की कार्य के बारे में जानकारी ले रहे हैं। घायलों को अस्तपालों में भर्ती करवाने के बाद प्रशासन ने कोर गए लोगों के परिवारों का पता लेने का काम शुरू किया है। लगातार दो दिनों में अधिकारियों ने हादसे में मारे गए 21 पीडि़त परिवारों की कानूनी तौर पर पहचान की। अन्य सदस्यों के वारिसों की पहचान अगले एक-दो दिनों में कर उन्हें भी सरकारी मदद दी जाएगी। राजस्व मंत्री सुखबिंदर सिंह सुख सरकारिया ने बताया कि वारिसों की संख्या के हिसाब से राशि का वितरण बराबर हिस्सों में होगा। जल्द ही बाकी परिवारों को भी राशि दे दी जाएगी।
पीडि़त बोले- हमारे तो कमाने वाले ही चले गए
दशहरा पर्व की संध्या जोड़ा फाटक के निकट रेल हादसे का शिकार हुए लोगों के परिजनों का दर्द आंखों के रास्ते बह रहा है। उन्हें सर्किट हाउस में मुआविजा राशि के चेक का भुगतान करने के लिए प्रशासन की ओर से बुलाया गया तो उनका दर्द फिर छलक पड़ा। इनमें से ज्यादा लोगों ने कहा कि उनके पूर्वजों ने रेल से लोगों को काटे जाने का मंजर बंटवारे के समय देखा था और उन्होंने तो यह सिर्फ श्री दरबार साहिब के अजायब घर में देखा था। लेकिन उन्हें पता नहीं था कि उन्हें अपनी असल जिंदगी में यह दिख देखने पड़ेंगे और अपनों को ही रेल की पटरी पर खून से लथ-पथ हालत में उठाना होगा।