जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) कैंपस में रविवार की शाम को नकाबधारी गुंडों ने कहर बरपाकर रख दिया. हाथों में डंडे, रॉड लेकर घुसे इन बदमाशों ने छात्र-छात्राओं और शिक्षकों पर ताबड़तोड़ हमला कर दिया. इस हमले में लगभग 20 स्टूडेंट और शिक्षक घायल हो गए. हालात को संभालने के लिए विश्वविद्यालय प्रशासन को दिल्ली पुलिस की मदद लेनी पड़ी. विश्वविद्यालय प्रशासन के आग्रह पर दिल्ली पुलिस ने कैंपस में प्रवेश किया और देर रात फ्लैगमार्च किया.

जेएनयू परिसर में रविवार की शाम कुछ नकाबपोश बदमाश घुस गए थे. वे हाथ में डंडे और लोहे की रॉड लिए हुए थे. उन्होंने छात्र-छात्राओं और शिक्षकों की बेरहमी से पिटाई कर दी.
पिटाई से जेएनयू छात्रसंघ की अध्यक्ष आइशी घोष सहित दो पदाधिकारी घायल हो गए. आइशी की सर पर डंडे से हमला किया गया. हमले के बाद लहूलुहान आइशी की तस्वीरें सोशल मीडिया में छा गईं. उन्हें तुरंत नजदीकी अस्पताल ले जाया गया. दो घंटे तक यूनिवर्सिटी में अफरा-तफरी का आलम रहा. समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक 28 लोग घायल बताए जा रहे हैं.
हिंसा को लेकर वामपंथी छात्र संगठनों और अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने एक दूसरे पर आरोप लगाया है. जेएनयू में हिंसा की खबरें मीडिया में आते ही दिल्ली की सियासी गलियारों में हड़कंप मच गया.
जेएनयू प्रशासन ने देर रात कहा है कि सेमेस्टर रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया का विरोध कर रहे छात्र रजिस्ट्रेशन कर रहे छात्रों का उग्र होकर विरोध करने लगे इसकी वजह से दोनों ओर से भिडंत हुई. इसी बीच नकाबधारी बदमाश हाथ में डंडे और रॉड लेकर हॉस्टल में घुस गए और छात्रों को पीटने लगे.
केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री डॉ रमेश पोखरियाल निशंक ने हिंसा की कड़ी निंदा की है. मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा कि विश्वविद्यालय कैंपस में अराजकता किसी भी हालत में बर्दाश्त नहीं की जाएगी. मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने इस बावत जेएनयू प्रशासन से रिपोर्ट मांगी है. गृह मंत्री अमित शाह ने भी दिल्ली पुलिस के चीफ अमूल्य पटनायक से बात की है और पूरे घटनाक्रम की पिरोर्ट मांगी है.
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