लखनऊ। ग्रीन यूपी मिशन के तहत पूरे प्रदेश में जुलाई के महीने में 35 करोड़ पौधरोपण किया जाएगा। इसके लिए अलग-अलग मंडलों को लक्ष्य दिया गया है।
जुलाई माह में प्रदेश में 35 करोड़ पौधरोपण की तैयारी कर ली गई है। इसके लिए 1901 पौधशालाओं में 52.33 करोड़ पौधों की उपलब्धता सुनिश्चित की गई है। सभी विभागों द्वारा लगाए जाने वाले पौधरोपण का भी लक्ष्य निर्धारित कर दिया गया है। वन विभाग पौधरोपण महाभियान की तैयारियां तेजी से कर रहा है। पौधरोपण महाभियान 2025 के लिए मिशन निदेशक की जिम्मेदारी अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक/ मुख्य वन संरक्षक (प्रशासन) दीपक कुमार को सौंपी गई है।
इसके अलावा सभी 18 मंडलों का लक्ष्य निर्धारित कर दिया गया है। इन मंडलों में महाभियान की सफलता के लिए नोडल अधिकारी भी नियुक्त कर दिए गए हैं। लखनऊ मंडल में सर्वाधिक 4 करोड़ पौधे लगाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। वहीं कानपुर मंडल को 3.13 करोड़ का लक्ष्य दिया गया है। नर्सरियों के माध्यम से 47.27 करोड़ पौधे वन विभाग उपलब्ध कराएगा। इस दौरान सागौन, शीशम आदि के 18.60 करोड़, जबकि अमरूद-आम आदि के 10.79 करोड़ पौधे लगाए जाएंगे। वहीं सहजन, नीम आदि के 5.75 करोड़ व पीपल-बरगद के 29 लाख पौधे लगाकर हरियाली बढ़ाने की कवायद की जाएगी।
अन्य मंडलों का लक्ष्य

सीएम युवा योजना का लाभ लेने वालों में 48 फीसदी ओबीसी
मुख्यमंत्री युवा उद्यमी (सीएम युवा) योजना के तहत अबतक 53000 से अधिक युवाओं के ऋण आवेदनों को स्वीकृत किया गया है और 40000 को ऋण दिया भी जा चुका है। ये योजना पूरे देश के लिए मिसाल बन गई है। इसके तहत बिना ब्याज और बिना गारंटी के पांच लाख रुपये तक का ऋण दिया जा रहा है। योजना का लाभ लेने में सबसे आगे ओबीसी युवा हैं।
लोन लेने वाले युवाओं में से 64 प्रतिशत ने सेवा क्षेत्र में निवेश किया है, जिसमें टेंट हाउस, मोबाइल रिपेयरिंग, प्रिंटिंग प्रेस, और फिटनेस सेंटर जैसे व्यवसाय शामिल हैं। जबकि 36 प्रतिशत ने इसका उपयोग विनिर्माण सेक्टर में किया गया है, जिसमें फर्नीचर निर्माण, आटा चक्की और डेयरी उत्पादन जैसे उद्योग शामिल हैं। उद्योग एवं उद्यम प्रोत्साहन निदेशालय के अनुसार इसका लक्ष्य अगले 10 वर्ष में 10 लाख युवाओं को स्वरोजगार के लिए तैयार करना है।
16 मई तक इस योजना के तहत 244045 आवेदन प्राप्त हुए, जिनमें से 110105 आवेदन बैंकों को भेज दिए गए हैं। इनमें से 53649 आवेदनों को स्वीकृति मिल चुकी है और 39835 युवाओं को अब तक ऋण दिया जा चुका है। योजना की विशेषता यह है कि इसमें महिलाओं और पिछड़े वर्ग के युवाओं को विशेष रूप से प्रोत्साहित किया जा रहा है। ऋण प्राप्त करने वालों में लगभग 30 प्रतिशत महिलाएं हैं, जो उद्यमिता के क्षेत्र में अपनी पहचान बना रही हैं। इसके अलावा, 48.5 प्रतिशत से अधिक लाभार्थी अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) से हैं, जबकि 15 प्रतिशत अनुसूचित जाति (एससी) और 2.5 प्रतिशत अल्पसंख्यक समुदाय के युवाओं को इस योजना का लाभ मिला है।
कानपुर नगर सबसे आगे, शीर्ष पांच में बरेली और आगरा
लोन लेने में कानपुर नगर सबसे आगे है, जहां 1339 युवाओं ने इस योजना का लाभ उठाया है। इसके बाद बरेली (1032), आगरा (1016), महराजगंज (988) और वाराणसी (961) टॉप-5 जिलों में शामिल हैं। ऋण वितरण में बैंकों की भूमिका भी सराहनीय रही है। स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआई) ने सबसे ज्यादा 6684 युवाओं को ऋण दिया है।