इटली के अपुलिया में आयोजित जी-7 सम्मेलन के आउटरीज सत्र में मोदी ने कहा कि ग्लोबल साउथ के देश दुनियाभर में अनिश्चितताओं और तनावों का खामियाजा भुगत रहे हैं। उन्होंने कहा कि भारत ने ग्लोबल साउथ के देशों की प्राथमिकताओं और चिंताओं को विश्व मंच पर रखना अपनी जिम्मेदारी समझी है। उन्होंने प्रौद्योगिकी में एकाधिकार समाप्त करने के महत्व पर विस्तार से बात की।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को प्रौद्योगिकी में एकाधिकार को समाप्त करने का आह्वान किया और कहा कि समावेशी समाज की नींव रखने के लिए इसे रचनात्मक बनाया जाना चाहिए। साथ ही उन्होंने कहा कि 2047 तक भारत को विकसित बनाना हमारा संकल्प है और यह हमारी प्रतिबद्धता है कि समाज का कोई भी वर्ग पीछे नहीं छूटना चाहिए।
इटली के अपुलिया में आयोजित जी-7 सम्मेलन के आउटरीज सत्र में मोदी ने कहा कि ग्लोबल साउथ के देश दुनियाभर में अनिश्चितताओं और तनावों का खामियाजा भुगत रहे हैं। उन्होंने कहा कि भारत ने ग्लोबल साउथ के देशों की प्राथमिकताओं और चिंताओं को विश्व मंच पर रखना अपनी जिम्मेदारी समझी है।
प्रधानमंत्री ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर दिया जोर
पीएम मोदी ने कहा, ”इन प्रयासों में हमने अफ्रीका को उच्च प्राथमिकता दी है। हमें गर्व है कि भारत की अध्यक्षता में जी-20 ने अफ्रीकी यूनियन को स्थायी सदस्य बनाया। भारत अफ्रीका के सभी देशों के आर्थिक एवं सामाजिक विकास, स्थिरता व सुरक्षा में योगदान देता रहा है और भविष्य में भी ऐसा करता रहेगा।” प्रधानमंत्री ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआइ) पर विशेष जोर देते हुए प्रौद्योगिकी में एकाधिकार समाप्त करने के महत्व पर विस्तार से बात की।
उन्होंने कहा, ”हमें प्रौद्योगिकी को रचनात्मक बनाना चाहिए, विनाशकारी नहीं। तभी हम समावेशी समाज की नींव रख पाएंगे। भारत इस मानव-केंद्रित ²ष्टिकोण से बेहतर भविष्य के लिए प्रयास कर रहा है।”
पीएम बोले- हमने इस वर्ष एआइ मिशन शुरू किया
पीएम मोदी ने कहा, ‘भारत एआइ पर राष्ट्रीय रणनीति तैयार करने वाले पहले कुछ देशों में से एक है। इस रणनीति के आधार पर हमने इस वर्ष एआइ मिशन शुरू किया है। इसका मूल मंत्र एआइ फार आल है। एआइ के लिए वैश्विक साझेदारी के संस्थापक सदस्य और नेतृत्वकर्ता के रूप में हम सभी देशों के बीच सहयोग को बढ़ावा दे रहे हैं।”
प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले वर्ष भारत द्वारा आयोजित जी-20 शिखर सम्मेलन में नई दिल्ली ने एआइ के क्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय शासन के महत्व पर जोर दिया था। उन्होंने कहा, ”भविष्य में भी हम एआइ को पारदर्शी, निष्पक्ष, सुरक्षित, सुलभ और जिम्मेदार बनाने के लिए सभी देशों के साथ मिलकर काम करना जारी रखेंगे।”
ऊर्जा के क्षेत्र में भारत को लेकर कही ये बात
प्रधानमंत्री ने कहा कि ऊर्जा के क्षेत्र में भारत का दृष्टिकोण भी चार सिद्धांतों- उपलब्धता, पहुंच, किफायत और स्वीकार्यता पर आधारित है। उन्होंने कहा, ”हम 2070 तक नेट जीरो के लक्ष्य को प्राप्त करने की अपनी प्रतिबद्धता को पूरा करने के लिए हर संभव प्रयास कर रहे हैं। हमें आने वाले समय को हरित युग बनाने के लिए मिलकर प्रयास करना चाहिए।”