जींद के सफीदों की आदर्श कॉलोनी में एक हृदयविदारक घटना सामने आई है, जहां एक कलयुगी मां ने अपनी नवजात बच्ची को कड़कड़ाती ठंड में गली में फेंक दिया। गली में बच्ची की रोने की आवाज सुनकर एक महिला, सीमा, ने तत्परता दिखाते हुए बच्ची की जान बचाई।
सीमा ने देखा कि बच्ची एक रिक्शा बाइक के नीचे कपड़े में लिपटी हुई थी और कुत्ते उसे चाट रहे थे। महिला ने तुरंत बच्ची को उठाया, उसे घर ले जाकर कपड़े बदले और दूध पिलाकर शांत किया। इसके बाद सीमा ने पुलिस को सूचना दी। सूचना मिलने पर सिटी थाना पुलिस मौके पर पहुंची और बच्ची को एंबुलेंस से नागरिक अस्पताल पहुंचाया, जहां डॉक्टरों ने बच्ची की स्थिति को बेहतर बताया।
इस घटना से आदर्श कॉलोनी में हड़कंप मच गया। बड़ी संख्या में लोग मौके पर जमा हो गए और इस घृणित कृत्य की निंदा की। स्थानीय लोगों ने प्रशासन से इस अमानवीय कार्य के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है। वहीं, सीमा की इंसानियत और तत्परता की हर कोई प्रशंसा कर रहा है।
सीमा ने बच्ची को अपने घर में रखने की इच्छा जताई है और उसका नामकरण ‘खुशी’ कर दिया है। उन्होंने कहा कि यह बच्ची उनके लिए लक्ष्मी स्वरूपा है और अगर प्रशासन अनुमति देता है तो वह इसे अपने चौथे बच्चे के रूप में पालेंगी।
कॉलोनीवासियों का कहना है कि इस तरह एक नवजात को गली में फेंक देना निंदनीय है। लोगों ने कहा कि अगर बच्ची को पालना मुश्किल था, तो किसी को सौंप सकते थे, जो उसे खुशी-खुशी अपना लेता। सभी ने सीमा द्वारा दिखाई गई इंसानियत की सराहना की और कहा कि यह घटना साबित करती है कि “जाको राखे साइयां मार सके ना कोई।”