नई दिल्ली स्पेशल डेस्क। देश में भले ही आज भी एक बड़ा तबका भुखमरी का शिकार हो लेकिन माननीयों की स्थिति लगातार पहले से बेहतर हो रही है। आपको जानकर ताज्जुब होगा कि पिछले कुछ वर्षों में देश में माननीयों के वेतन में औसतन करीब 120 फीसद का इजाफा हो चुका है। यदि देश के राज्यों में मौजूद माननीयों के वेतन का औसत निकाला जाएगा तो यह करीब 1,10000 आता है। इसमें राज्यों के विधायकों को मिलने वाली दूसरी सुविधाएं भी शामिल हैं।
170 फीसद बढ़ चुका है तेलंगाना के विधायकों का वेतन
माननीयों की बात चली ही है तो आपको बता दें कि देश में सबसे नए राज्य के तौर पर सामने आने वाले तेलंगाना के विधायकों को देश में सबसे अधिक वेतन मिलता है। यहां के सीएम का वेतन देश में सबसे अधिक है। जबसे इस विधानसभा का गठन हुआ है तब से लेकर अब तक यहां के विधायकों का वेतन 170 फीसद बढ़ चुका है। इसके बाद दिल्ली, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र और फिर आंध्रप्रदेश आता है। वहीं त्रिपुरा के विधायक वेतन पाने के मामले में देश में सबसे पिछड़े हुए हैं। यहां के विधायकों को देश में सबसे कम वेतन मिलता है।
विधायकों की सैलरी में ये होता है शामिल
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि विधायकों की सैलरी में उनका ट्रेवलिंग अलाउंस, कंस्टीट्वेंसी अलाउंस शामिल होता है। पिछले करीब दस वर्षों में विधायकों की सैलरी करीब 1200 फीसद तक बढ़ गई है। इसको एक भद्दा मजाक ही कहा जाएगा कि आम आदमी की बात करने और उन्हें सुख-सुविधाएं मुहैया करवाने का वादा करने वाले यह माननीय अक्सर अपने वेतन को बढ़ाने की मांग करते दिखाई दे जाते हैं। जबकि आम लोगों के बीच यह धारणा है कि नेताओं की सैलरी तो ज्यों की त्यों रखी रहती है। उनका खर्च को इसके अलावा भी आराम से चलता रहता है। यह हकीकत भी है क्योंकि विधायकों को जितना वेतन मिलता है वह उससे कहीं ज्यादा कमाते हैं।
दिल्ली के सीएम लेते हैं इतना वेतन
अब जरा राज्यवार विधायकों को मिलने वाले वेतन पर एक नजर मार ली जाए। इसमें सबसे पहले दिल्ली की बात कर लेते हैं। यहां पर आम लोगों की बात करने वाली आम आदमी पार्टी के मुखिया और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का वेतन 3,60000 प्रतिमाह है। इसमें ट्रेवलिंग अलाउंस शामिल नहीं है। दिल्ली सरकार अपने विधायकों को मिलने वाले कंस्टीट्वेंसी अलाउंस को भी 18000 से बढ़ाकर 50000 कर चुकी है। विकास के काम पर लड़ने वाले इन माननीयों को अपना वेतन को बढ़ाने के नाम पर हैरतअंगेज रूप से एक होते हुए भी आम लोगों ने कई बार देखा होगा। आपको जानकर हैरानी होगी कि दिल्ली में आप सरकार बनने के बाद से यहां के विधायकों का वेतन करीब 450 फीसद तक बढ़ चुका है।
यूपी में भी बढ़ चुका है माननीयों का वेतन
आपको बता दें कि दिल्ली सरकार के मंत्रियों को हर माह कमयूनिकेशन अलाउंस या अपने घर और ऑफिस पर लगे फोन के बिल चुकाने के नाम पर 30000 रुपये मिलते हैं। इसकी राशि पहले महज दस हजार रुपये हुआ करती थी। वेतन बढ़ाने के मामले में तेलंगाना के सीएम भी पीछे नहीं है। उनके वेतन में करीब 72 फीसद तक का इजाफा हो चुका है। उनकी सैलरी 2.44 से बढ़कर 4.21 लाख तक पहुंच चुकी है। इसके अलावा उत्तर प्रदेश के विधायकों के वेतन में भी पिछले वर्ष सितंबर में करीब सौ फीसद का इजाफा किया गया था। इस दौरान सरकार ने विधायकों को दिए जाने वाले कंस्टीट्वेंसी अलाउंस को भी बढ़ाकर 30000 से 50000 रुपये कर दिया है। वहीं उनके ट्रेवल बेनेफिट को भी 3.25 लाख रुपये से 4.25 लाख रुपये कर दिया गया है। राज्य के सीएम योगी आदित्यनाथ का वेतन करीब 120000 रुपये है।
फडणवीस की सैलरी करीब 220000
तेलंगाना के विधायकों की सैलरी बढ़ने के बाद आंध्रप्रदेश के विधायकों की भी सैलरी बढ़ चुकी है। यह बात अलग है कि इसकी वजह से राज्य के कोषागार पर करीब 30,62,31,300 का सालाना अतिरिक्त बोझ पड़ रहा है। यहां के सीएम चंद्रबाबू नायडू करीब 140000 रुपये हर माह वेतन के तौर पर लेते हैं। महाराष्ट्र की बात करें तो यहां पर देवेंद्र फडणवीस की सरकार बनने के बाद से अब तक विधायकों के वेतन में करीब 200 फीसद का इजाफा हो चुका है। खुद फडणवीस की सैलरी करीब 220000 रुपये प्रतिमाह है।
2011 में बढ़ा था तमिलनाडु के विधायकों का वेतन
तमिलनाडु के विधायकों का वेतन वर्ष 2011 में बढ़ा था। वहां के सीएम पलानीस्वामी 200000 रुपये प्रतिमाह वेतन के तौर पर लेते हैं। हरियाणा के विधायकों का बेसिक वेतन 65000 रुपये प्रतिमाह है। इसके अलावा इन्हें डीए के तौर पर 38000 रुपये और दूसरे अलाउंस के तौर पर 15000 रुपये प्रतिमाह मिलते हैं। यहां के विधायकों का वेतन पिछले कुछ वर्षों में करीब 110 फीसद तक बढ़ चुका है। वहीं हिमाचल प्रदेश के विधायकों का बेसिक वेतन 60000 है। इसके अलावा डीए के तौर पर 35000 रुपये और दूसरे अलाउंस के तौर पर 9000 रुपये प्रतिमाह मिलते हैं। हिमाचल प्रदेश के विधायकों का भी वेतन पिछले कुछ वर्षों में 65 फीसद तक बढ़ चुका है। इसके अलावा झारखंड के विधायकों का बेसिक वेतन 58000 है। इन्हें भी डीए के तौर पर 32000 रुपये और दूसरे अलाउंस के तौर पर 10000 रुपये मिलते हैं। यहां के विधायकों का भी वेतन कुछ वर्षों में करीब 56 फीसद तक बढ़ चुका है।