PPF यानी पब्लिक प्रोविडेंट फंड सरकार की लघु बचत योजनाओं में शामिल लंबी अवधि की बचत का एक लोकप्रिय जरिया है। न सिर्फ इस पर आपको ज्यादातर बैंकों के फिक्स्ड डिपॉजिट की तुलना में ज्यादा मिल रहा है बल्कि इसमें निवेश कर आप इनकम टैक्स में डेढ़ लाख रुपये तक की कटौती का लाभ प्राप्त कर सकते हैं।
इसके अलावा मैच्योरिटी पर मिलने वाले पैसे भी टैक्स फ्री होंगे। अक्टूबर से दिसंबर तिमाही के लिए इस पर 7.9 फीसद ब्याज मिल रहा है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि PPF अकाउंट 15 साल में मैच्योर होता है।
अगर आप PPF में निवेश करने की सोच रहे हैं तो आपको कुछ बातें पता होनी चाहिए। इससे आप फायदे में रहेंगे। सबसे पहली बात तो यह है कि आप ज्वाइंट पीपीएफ अकाउंट नहीं खुलवा सकते।
एक पैरेंट या अभिभावक एक बच्चे के नाम से पीपीएफ खाता नाबालिग के गार्जियन के तौर पर खुलवा सकता है। हालांकि, अगर अभिभावक का पहले से ही कोई पीपीएफ खाता है तो वह एक साल में दोनों खाते में कुल मिलाकर अधिकतम डेढ़ लाख रुपये का ही निवेश कर सकता है।
जब नाबालिग बच्चा 18 साल का हो जाता है तो एक आवेदन देना होता है कि खाते को नाबालिग से बदल कर व्यस्क कर दिया जाए। अब, जिस पैरेंट या गार्जियन ने बच्चे के नाम से पीपीएफ खाता खुलवाया होता है उन्हें उस व्यस्क हुए बच्चे के हस्ताक्षर को सत्यापित करना होता है। इसके बाद जिस बच्चे के नाम से खाता है वह खुद उसका परिचालन कर सकता है।
एक अनिवासी भारतीय PPF अकाउंट नहीं खुलवा सकता। अगर अनिवासी होने से पहले अगर किसी NRI ने खाता खुलवाया था तो वह उसे जारी रख सकता है।
PPF खाते की ब्याज की गणना प्रत्येक महीने की पांच तारीख से महीने के अंत तक की जाती है। अगर आप अपने पीपीएफ खाते पर अधिक ब्याज पाना चाहते हैं तो प्रत्येक महीने की 5 तारीख को अपने खाते में एकमुश्त पैसे जमा करवाएं।
अपने पीपीएफ अकाउंट से आप सातवें वित्त वर्ष से आंशिक निकासी कर सकते हैं। दिलचस्प बात यह है कि आंशिक निकासी से मिले पैसों पर भी टैक्स नहीं लगता है। अगर आप 15 साल के बाद भी अपने पीपीएफ खाते को चालू रखते हैं तब भी आंशिक निकासी कर सकते हैं।
अगर आप अपने पीपीएफ खाते को 15 साल बाद भी बिना पैसे दिए चालू रखना चाहते हैं तो ऐसा कर सकते हैं। हालांकि, अगर आप 15 साल बाद पीपीएफ में अपना योगदान जारी रखना चाहते हैं तो आपको फॉर्म एच भरकर जमा करवाना होगा।