इंडोनेशिया की सरकार ने कंजुरुहान स्टेडियम को तोड़ने का निर्णय कर लिया है। खबरों का कहना है कि यहां के राष्ट्रपति ने यह निर्णय लिया है। इस मैदान में इसी माहने की शुरुआत में एक फुटबॉल मैच के दौरान भगदड़ का माहौल पैदा हो गया है, इसमें 133 लोग मारे गए थे। इस घटना के उपरांत सुरक्षा और स्टेडियम प्रशासन पर बहुत सारे प्रश्न भी उठे थे। दुनियाभर में इंडोनेशिया की बहुत किरकिरी हुई थी। जिसके उपरांत देश के राष्ट्रपति ने यह स्टेडियम तोड़ने का निर्णय कर लिया। हालांकि, इस बारे में अब तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है, लेकिन मीडिया रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि इस स्टेडियम को तोड़ दिया जाएगा।

इंडोनेशिया में क्या हुआ था?: इंडोनेशिया के पूर्वी जावा स्थित मलंग रीजेंसी के कंजुरुहान स्टेडियम में ये घटना हो गई। घटना के समय अरेमा FC और पर्सेबाया सुरबाया के मध्य मैच चल रहा था। मैच में अरेमा FC की टीम हार साबित हुई। अपनी टीम को हारता देख बड़ी संख्या में प्रशंसक मैदान की तरफ भागने लग गए। इस बीच कुछ लोगों ने खिलाड़ियों पर अटैक कर दिया है। पुलिस ने लोगों को काबू करने के लिए लाठीचार्ज किया और आंसू गैस के गोले छोड़े। जिससे हुई भगदड़ में 133 लोगों की जान चली गई। घटना के समय स्टेडियम में करीब 42 हजार लोग मौजूद थे। मृतकों में 17 बच्चे भी शामिल थे। इस हादसे में 323 लोग जख्मी हुए थे।
इस दुर्घटना की कार्रवाई में 18 अधिकारियों को दोषी पाया गया, जिनकी लापरवाही के चलते यह भगदड़ मची थी और लोगों की जान गई थी। इन अधिकारियों ने स्टेडियम के अंदर आंसू गैस छोड़ने का निर्णय कर लिया था, जबकि स्टेडियम में ऐसा नहीं किया जा सकता। आमतौर पर आंसू गैस का इस्तेमाल सड़क या किसी मैदान पर जुटी भीड़ को तितर-बितर करने किए लिए जा रहा था। वहीं, स्टेडियम में इसके उपयोग से भगदड़ का माहौल पैदा हो गया और बाहर निकलने का रास्ता इतना बड़ा नहीं था कि सभी लोग भागकर बाहर जा सकें। इसी वजह से अधिकतर लोगों की मौत कुचले जाने से हुई।
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