भारत में 20 साल की उम्र पार करते ही लोगों पर शादी करने का दबाव बढ़ने लगता है. नाते-रिश्तेदारों से लेकर आस-पड़ोस के लोग भी आपको शादी के सवालों से घेरने लगते हैं. कई सारे लोग अपने करियर को लेकर काफी चिंतित रहते हैं और इस दौरान शादी करके अपने जीवन को नई जिम्मेदारियों से भरना नहीं चाहते. कई बार ऐसा भी होता है कि उपयुक्त जीवनसाथी की तलाश पूरी ना हो पाने की वजह से भी लोग शादी के बंधन में नहीं बंधना चाहते हैं.
अक्सर लोग यह दलील पेश करते हैं कि उम्र बढ़ने के साथ शादी में ज्यादा मुश्किलें आती हैं. क्या वाकई 30 या 30 की उम्र पार करने के बाद शादीशुदा जीवन में मुश्किलें आती हैं? या फिर 30 की उम्र में शादी करना ज्यादा समझदारी भरा कदम साबित हो सकता है? बता दें कि 20 साल की अपेक्षा अगर आप 30 साल की उम्र में शादी करेंगे तो आपके लिए ये ज्यादा फायदेमंद हो सकता है. जानिए कैसे-
1- 20 से 25 साल की उम्र के आस-पास का समय किसी के भी करियर के लिए सबसे जरूरी होता है. इस समय उसका पूरा ध्यान अपना करियर बनाने की तरफ होता है. ऐसे में अगर वो शादी कर लेगा तो उसकी जिम्मेदारियां बढ़ जाएंगी और वो अपने करियर पर पूरी तरह से फोकस नहीं कर पाएगा.
2- किसी भी इंसान के अंदर समय के साथ-साथ परिपक्वता बढ़ती रहती है. 30 साल की उम्र तक आते-आते वो काफी समझदार हो चुका होता है और वो किसी की भावनाओं को बेहतर ढंग से समझ सकता है. इसके अलावा मुश्किल हालातों को भी वो आसानी से सम्भाल सकता है.
3- 30 की उम्र तक आते-आते इंसान को इस बात की भी समझ बढ़ जाती है कि उसे कैसा लाइफ पार्टनर चाहिए. वो इस उम्र तक आते-आते सही लाइफ पार्टनर चुनने में सक्षम हो जाता है. उसे सही-गलत की अच्छी समझ हो जाती है.
4- लगभग 25 साल की उम्र तक इंसान पढ़ाई पूरी कर जॉब करने लगता है. जॉब के बाद इंसान के अंदर एक आत्मनिर्भरता आ जाती है और उसका आत्मविश्वास भी बढ़ जाता है. ये बात शादी के बाद उसके लिए लाभकारी साबित हो सकती है.
5- जिंदगी को बेहतर ढंग से समझने के लिए ये जरूरी है कि इंसान अकेले भी अपने जीवन के कुछ पल गुजारे. ऐसे में वो खुद के और करीब आएगा और खुद में सकारात्मक बदलाव ला पाएगा. साथ ही रिश्ते निभाने में कामयाब हो पाएगा.
6- अगर आप देर से शादी करते हैं तो इसका एक फायदा ये भी होता है कि आप दूसरों को देख कर सीख ले सकते हैं और अपनी शादी के पहले से ही गलतियों के प्रति आगाह हो सकते हैं.
7- 30 साल की उम्र तक आते-आते इंसान को इस बात का अच्छा-खासा इल्म हो जाता है कि उसे कैसे पैसों का इस्तेमाल करना है. 20-25 साल की उम्र में आमतौर पर इंसान ज्यादा खर्चीले स्वभाव के होते हैं और 30 के बाद इस पर काबू पाना सीख जाते हैं.