विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने शनिवार को गुजरात के अहमदाबाद में मच्छर जनित जीका वायरस से जुड़े तीन मामलों के होने की पुष्टि की है. इन तीन मामलों में एक गर्भवती महिला भी शामिल हैं. जानें- क्या होता है जीका वायरस और बचने के लिए क्या करें उपाय.
जीका एक वायरस है जो एडीज, एजिप्टी और अन्य मच्छरों से फैलता है. ये चिकनगुनिया और डेंगू भी फैलाते हैं. जीका के लक्षणों में बुखार, जोड़ो का दर्द, शरीर पर लाल चकत्ते, थकान, सिर दर्द और आंखों का लाल होना आदि शामिल है. इससे माइक्रोकेफेली का खतरा होता है. इससे प्रभावित बच्चे का जन्म आकार में छोटे और अविकसित दिमाग के साथ होता है.
इसके अलावा इससे ग्यूलेन-बैरे का भी खतरा होता है. इसमें सिंड्रोम शरीर के तंत्रिका तंत्र पर हमला करता है जिससे लोग लकवा का शिकार हो जाते हैं. जीका वायरस की पहचान पहली बार 1947 में हुई थी. जिसके बाद ये कई बार अफ्रीका व साउथ ईस्ट एशिया के देशों के कुछ हिस्सों में फैला था.
पहले भारत जीका के ठिकाने से दूर दिख रहा था लेकिन शनिवार को गुजरात के अहमदाबाद में जीका वायरस से जुड़े तीन मामले मिले हैं. इससे बचाव के लिए आप कुछ उपाय कर सकते हैं. विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार जीका वायरस के संक्रमण को रोकने का सबसे अच्छा उपाय है मच्छरों की रोकथाम. तो आसपास मच्छरों को पनपने से रोकें. घर के आसपास गमले, बाल्टी, कूलर आदि में भरा पानी निकाल दें.
मच्छरों से बचने के लिए पूरे शरीर को ढककर रखें और हल्के रंग के कपड़े पहनें. बुखार, गले में खराश, जोड़ों में दर्द, आंखें लाल होने जैसे लक्षण नजर आने पर अधिक से अधिक तरल पदार्थों का सेवन और भरपूर आराम करें. जीका वायरस का फिलहाल कोई टीका उपलब्ध नहीं है. डब्ल्यूएचओ का कहना है कि स्थिति में सुधार नहीं होने पर फौरन डॉक्टर को दिखाना चाहिए.