दिल्ली से सटा यूपी का गौतमबुद्धनगर जिला कई वजहों से दुनियाभर में मशहूर है। खासकर बुद्ध इंटरनेशनल सर्किट और प्रस्तावित जेवर एयरपोर्ट इस जिले को खास बनाते हैं, लेकिन पिछले पांच वर्षों के दौरान कई ऐसे मामले सामने आए हैं, जिनसे नोएडा और ग्रेटर नोएडा शहर घोटालों का हब बन गया है। लाइक घोटाला बाइक बोट घोटाला भूमि घोटाला, मोबाइल रिंगिंग बेल घोटाला समेत दर्जन भर बड़ी गड़बड़ी के मामले सामने आ चुके हैं, जिनमें लोगों को हजारों करोड़ रुपये डूब चुके हैं। इन घोटालों में जमीनों और फ्लैटों के घोटालों का आंकड़ा भी जोड़ दें तो यह रकम एक लाख करोड़ के आसपास जाती है। इसमें फर्जी कॉल सेंटर के जरिये हो रहे घोटाले शामिल नहीं हैं।
इसी साल जनवरी महीने में ग्रेटर नोएडा में पंडित दीनदयाल उपाध्याय इंस्टीट्यूट ऑफ आर्किलॉजी के साथ नोएडा सिटी सेंटर से इलेक्ट्रॉनिक सिटी मेट्रो का उद्घाटन करने आए पीएम मोदी ने अपने संबोधन में जिक्र भी किया था- ‘पहले नोएडा की पहचान भूमि आवंटन, टेंडर घोटाले से होते थे. पुरानी सरकारों में नोएडा ग्रेटर नोएडा को खूब लूटा गया। हो सकता है कि इसमें राजनीतिक देखी जाए, लेकिन आंकड़े तो झूठ नहीं बोलते, सरकार की किसी भी पार्टी की रही हो, घोटाले कभी नहीं रुके और अब भी जारी हैं।
हैरानी की बात है कि सरकार की जागरूकता के बावजूद नोएडा धीरे-धीरे घोटालों के मामले में झारखंड का जामताड़ा बन चुका है। आलम यह है कि पिछले एक महीने के दौरान नोएडा-ग्रेटर नोएडा शहर में तीन बड़े घोटाले सामने आ चुके हैं, जिसकी रकम 5000 करोड़ के आसपास है। इनमें बाइक बोट घोटाला सबसे बड़ा है। पुलिस प्रशासन की ओर से कहा तो जा रहा है कि बाइक बोट घोटाला 15000 करोड़ के आसपास है, लेकिन जांच के दौरान घोटाले का दायरा बढ़ना तय है यह रकम कई गुना ज्यादा हो सकती है।
Like Scam: दुनिया का सबसे बड़ा ऑनलाइन घोटाला-
वर्ष, 2017 में जब नोएडा का लाइक घोटाला सामने आया तो लगा जैसा भूचाल आ गया हो। ऐसा होना स्वाभाविक भी था, क्योंकि यह घोटाला सैकड़ों करोड़ से शुरू होकर 3700 करोड़ रुपये से अधिक तक पहुंच गया। बताया जाता है कि ये दुनिया का सबसे बड़ा ऑनलाइन फ्रॉड है, जिसमें हर दिन लोगों को 33 करोड़ रुपये का चूना लगाया गया। इसके तहत शातिरों ने 6111 डोमेन, ढाई लाख से ज्यादा अलग-अलग URL बनाकर ईएसपीएन, वॉग्यू, हफिंगटन पोस्ट जैसी बड़ी कंपनियों के नाम पर इतना बड़ा घोटाला किया। इसके लिए इन्होंने वेब रोबोट्स की मदद भी ली। साइबर इनोवेशन और इंटेलिजेंस का इस्तेमाल करके इन लोगों ने इंटरनेट सिक्युरिटी को बेवकूफ बनाकर हर दिन 30 करोड़ वीडियो व्यूज के बहाने 33 करोड़ रुपए से ज्यादा की कमाई की।
रिंगिंग बेल ने भी लोगों को लगाया चूना-
महज 251 रुपये में सबसे सस्ता मोबाइल फोन बेचने का दावा करने वाले फोन ‘फ्रीडम 251’ बनाने वाली कंपनी रिंगिंग बेल्स ने कुछ ही महीनों में हजारों लोगों को बेवकूफ बनाकर करोड़ रुपये ठग लिए। फिलहाल कंपनी का प्रबंध निदेशक मोहित गोयल इस धोखाधड़ी में जेल में बंद है और पुलिस जांच कर रही है।
बाइक बोट के जरिये किया 4000 करोड़ से ज्यादा का घोटाला-
वर्ष 1998 में काशीपुर से केमिकल इंजीनियरिंग में डिप्लोमा कर चुके संजय भाटी ने वर्ष 2010 में ही गर्वित इनोवेटव प्रमोटर्स लिमिटेड (जीआइपीएल) की शुरुआत की थी। चीती गांव में सबसे पहला इसका दफ्तर बनाया गया था। वर्ष 2017 में गैंग ने बाइक बोट स्कीम पहली बार लांच की थी और उसका पहला दफ्तर नोएडा सेक्टर-15 में खुला था।
एसएसपी वैभव कृष्ण ने की मानें तो अबतक जांच में करीब डेढ़ हजार करोड़ रुपये का फर्जीवाड़ा होना प्रतीत हो रहा है। एसआइटी की जांच में अब तक 17 बैंक खातों का इस्तेमाल होने की जानकारी मिली है। उन सभी बैंक खातों की जांच कराई गई, लेकिन उन खाते में कोई विशेष रकम नहीं मिली। करीब छह सौ करोड़ रुपये दूसरी कंपनी में डायवर्ट करने की जानकारी एसआइटी को मिली है। बाइक कंपनी के निदेशकों ने चेक और अन्य तरीके से बड़े स्तर पर लग्जरी वाहन भी खरीदे हैं।
कई प्रदेशों में फैला था बाइक बोट का कारोबार-
एसएसपी ने बताया कि बाइक बोट का कंपनी का कारोबार नोएडा से बाहर यूपी के कई शहर के अलावा कई प्रदेश में फैला हुआ था। यूपी के बागपत, हापुड़, बुलंदशहर, अलीगढ़, गाजियाबाद, सहारनपुर, मुजफ्फरनगर, कानपुर, बनारस, लखनऊ के अलावा हरियाणा में गुरुग्राम, रोहतक, पानीपत, पंजाब में पटियाला, जालंधर, राजस्थान में जयपुर, जोधपुर, मध्य प्रदेश में इंदौर, महाराष्ट्र में पुणे, नासिक, उत्तराखंड में हरिद्वार, सहित अन्य कई शहरों में फ्रेंचाइजी खोली गई थी।
एसआइटी द्वारा की गई कार्रवाई में करीब पौने नौ करोड़ रुपये के वाहन सीज किये गए हैं। इस मामले की पहली एफआइआर जनवरी 2019 में दर्ज की गई। अब तक 37 एफआइआर दर्ज हो चुकी हैं। इस गैंग का मुख्य आरोपित व मास्टरमाइंड संजय भाटी को पांच दिन व दूसरे आरोपित विजयपाल कसाना को 3 दिन की पुलिस रिमांड पर लेकर एसआइटी पूछताछ कर चुकी है। इस दौरान कंपनी के दनकौर स्थित चीती में बनाए गए मुख्य कार्यालय में छानबीन की गई। जहां से 102 बाइकें बरामद हुईं।
जमीन और फ्लैट घोटालों ने किया नोएडा-ग्रेटर नोएडा को बदनाम-
यमुना प्राधिकरण क्षेत्र में हुए 126 करोड़ रुपये के जमीन खरीद घोटाले की जांच चल रही है, लेकिन उन घोटालों का क्या जो बिल्डरों ने लोगों को सपना दिखाकर हजारों करोड़ रुपये ठग लिया। अकेले आम्रपाली बिल्डर के दर्जनों प्रोजेक्ट में निवेशक कई लाख करोड़ रुपये फंसा चुका है। अदालतें भी इसे घोटाले की संज्ञा दे चुकी हैं।