आजकल इंसान की इंसानियत कहीं खो गयी है लोग हैवानियत की राह पर चलने लगे है। रेप और बलात्कार की घटनाएं दिन पर दिन बढ़ते जा रहे है। लेकिन रेप या बलात्कार बलात्कार होने पर लड़की का टू फिंगर टेस्ट किया जाता है और जाना जाता है कि उसके साथ बलात्कार हुआ है या नहीं।

क्यों किया जाता है ‘टू फिंगर टेस्ट’:
कई लोग इस टू फिंगर टेस्ट का विरोध भी कर चुके हैं क्योंकि यह लड़की के साथ दुबारा बलात्कार होने जैसा टेस्ट है यह टेस्ट बलात्कार से भी ज्यादा दर्दनाक होता है। इसके बारे में कहते हैं कि रेप शारीरिक उत्पीड़न हैं तो यह टेस्ट मानसिक उत्पीड़न इसके बावजूद ये टू फिंगर टेस्ट को कराया जाता है।
यह कौमार्य परीक्षण का एक तरीका जो पूरी तरह से साइंटिफिक नहीं है। इसमें डॉक्टर महिला के योनि में अंगूली डालकर यह पता करते हैं कि उसके साथ रेप हुआ हैं या नहीं।
डॉक्टर का मानना है कि जबरदस्ती से किए गए संभोग में अंदर का हाइमन टूट जाता हैं जबकि सहमति के आधार पर ऐसा नहीं होता है।
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