जानिए कैसे, दो सौ रुपये में बदली राष्ट्रपति और डीएम की आय....

जानिए कैसे, दो सौ रुपये में बदली राष्ट्रपति और डीएम की आय….

नियम-कानून चाहे जो कहें लेकिन अगर आपकी जेब में महज 100 रुपये हैं तो बिना शपथकर्ता की पहचान के, बिना साइन के नोटरी से आपका हलफनामा बन जाएगा। मंगलवार को ऐसा ही हुआ। एक व्यक्ति ऐसे ही बने राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद और डीएम सुरेंद्र सिंह के हलफनामे लेकर जिलाधिकारी कार्यालय में शिकायत करने आया लेकिन किसी वरिष्ठ अफसर के न मिलने पर वह अमर उजाला संवाददाता के मिला। अपना नाम न छापने की शर्त पर उसने दोनों हलफनामे संवाददाता को मुहैया कराए। बताया कि यह हलफनामे 100-100 रुपये में बनवाए गए हैं। हलफनामों में दर्ज है कि जिलाधिकारी सुरेंद्र सिंह की मासिक आय सात हजार रुपये और राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की मासिक आय पांच हजार रुपये है। जानिए कैसे, दो सौ रुपये में बदली राष्ट्रपति और डीएम की आय....हलफनामा एक
इस पर राष्ट्रपति का नाम राम नाथ कोविंद पुत्र मैकू लाल कोरी निवासी परौख झींझक कानपुर देहात लिखा है। हलफनामे पर कोई पदनाम नहीं है, लेकिन सभी जानते हैं कि यह रामनाथ कोविंद अपने राष्ट्रपति हैं। उनका मूल गांव परौख है। हलफनामे पर लिखा है कि राम नाथ कोविंद की आय पांच हजार रुपये प्रतिमाह है। वह प्राइवेट नौकरी करते हैं। शपथ पत्र पर नोटरी को अपने सामने ही हस्ताक्षर कराने होते हैं। इस शपथ पत्र पर हस्ताक्षर की जगह छूटी है। इस शपथ पत्र पर नोटरी पंकज अग्रवाल की मुहर और साइन हैं।

हलफनामा दो
इस हलफनामे पर सुरेंद्र सिंह पुत्र महेंद्र सिंह निवासी सिविल लाइंस लिखा है। कोई पदनाम नहीं है। इसमें लिखा है कि मेरी कुल मासिक आय सात हजार रुपये है। इसके अलावा मेरी कोई अन्य आय नहीं है। सभी लोग जानते हैं कि जिलाधिकारी का नाम सुरेंद्र सिंह है। मजे की बात यह है कि शपथ पत्र पर निवासी लिखकर कुछ जगह छोड़कर सिविल लाइंस लिखा गया है। इस पर साइन की जगह खाली छोड़ी गई है। इस शपथ पत्र पर नोटरी एमएन श्रीवास्तव की मुहर और साइन हैं।

पैसा दो, हलफनामा लो
दरअसल, कचहरी, नगर निगम और केडीए में डेढ़ सौ से अधिक नोटरी पैसा फेंकने पर धड़ाधड़ हलफनामा बना रहे हैं। अधिकृत नोटरी अपने साथ ही अपनी मुहर देकर अपने साथियों को कई जगह बैठा रहे हैं। यह लोग फर्जी साइन कर हलफनामा जारी करते रहते हैं। उसके एवज में प्रति हलफनामा कमीशन वसूलते हैं। ये नोटरी न तो किसी मानक और न ही नियमों की परवाह करते हैं। 

ये हैं नियम
-शपथकर्ता अपनी पहचान का साक्ष्य दे
-कोई अधिवक्ता शपथकर्ता को तस्दीक करे
-नोटरी रजिस्टर में शपथकर्ता से साइन कराए
-बोर्ड पर नोटरी अपना लाइसेंस नंबर लिखे
-हर साल बाद लाइसेंस का नवीनीकरण हो

इस तरह फर्जीवाड़ा
-शपथकर्ता सामने नहीं है तब भी चलेगा 
-कार्रवाई से बचने को रजिस्टर में साइन नहीं
-किराएदारी का मनमाने तरीके से करार
-दस रुपए के हलफनामे पर शादी और तलाक
-जमीन और मकान का पट्टा तक किया जाता

अवैध वसूली
-टिकट समेत तय फीस 35 रुपए से ज्यादा
-शपथकर्ता से जैसा सौदा पटे सौ-सवा सौ रुपए तक
-एक लाख तक के लेनदेन पर तय 45 रुपए से ज्यादा
-दूसरों को मुहर देकर कमीशन तय कर धंधा हो रहा
-शादी और तलाक कराने में जमकर वसूली की जाती

कोई रिकार्ड नहीं
-प्रशासन के पास नोटरियों की सूची तक नहीं
-अफसरों के पास नवीनीकरण की जानकारी नहीं
-छापे मारकर कब चेकिंग की गई कोई पता नहीं
-कई दिवंगत नोटरियों की मुहरों से भी नोटरी

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