क्या है इसके पीछे की वजह:
लिंगम एक साथ योनि (जो देवी शक्ति का प्रतीक है व महिला की रचनात्मक ऊर्जा है) का प्रतिनिधित्व करता है और शास्त्रों के अनुसार शिवपुराण में लिखा है यह एक ज्योति का प्रतीक है।
अविवाहित स्त्री को शिवलिंग के करीब जाने की आज्ञा नहीं है और इसके चारों ओर भी अविवाहित स्त्री को नहीं घूमना चाहिए क्योंकि भगवान शिव बेहद गंभीर तपस्या में व्यस्त रहते हैं।
यह भी माना जाता है कि देवों के देव महादेव की तंद्रा भंग न हो जाए इस कारण से उनकी पूजा स्त्रियों को करने से मना किया जाता है।
अगर महिलाएं लगातार 16 सोमवार भगवान शिव का व्रत रखती हैं तो कुंवारी महिलाओं को अच्छा वर प्राप्त होता है वहीं विवाहित महिलाओं के पति नेक मार्ग पर चलते हैं।
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