जानिए किसलिए ओलिंपिक खिलाड़ियों के शरीर पर बने होते हैं ख़ास डिजाईन के दाग, विडियो

रियो डी जेनेरियो। ओलिंपिक महाकुंभ जारी है। भारत समेत विभिन्न देशों के खिलाड़ी पदक जीतने के लिए अपनी पूरी क्षमता लगा रहे हैं।इस बीच, ओलिंपिक में हिस्सा ले रहे कई दिग्गज खिलाड़ियों के शरीर पर लाल रंग के दाग (चकत्ते) दिखाई दे रहे हैं। अटकलें लगाई जा रही हैं कि ये दाग किस चीज के हैं। ओलिंपिक में अब तक कुल 19 स्वर्ण पदक जीतने वाले तैराक माइकल फलेप्स के शरीर पर भी ये ही निशान नजर आए।

जानिए किसलिए ओलिंपिक खिलाड़ियों के शरीर पर बने होते हैं ख़ास डिजाईन के दाग, विडियो

बीबीसी के मुताबिक, दरअसल, ये निशान पुरानी चिकित्सा पद्धति एक्यूपंचर के ही एक प्रकार ‘कपिंग’ के हैं। इसमें गर्म कप को त्वचा पर रखकर दर्द का इलाज किया जाता है।

चीन में खासी लोकप्रिय हो चुकी इस कपिंग चिकित्सा पद्धति में ज्वलनशील पदार्थ को शीशे के एक कप में जलाया जाता है। लौ के बुझने के बाद तापमान कम होने से पैदा हुए खिंचाव से त्वचा खींच कर शीशे के कप से चिपक जाती है।

कपिंग की शुरुआत करीब तीन हजार साल पहले चीन में हुई थी। यह मिस्र, मध्य-पूर्व और दुनिया के अन्य हिस्सों में मशहूर है।

ये हैं फायदे

– खिलाड़ियों के मुताबिक, वे दर्द मिटाने और लगातार खेलने से पैदा हुए तनाव को कम करने के लिए इस पद्धति का इस्तेमाल करते हैं।

– अमेरिकी जिमनास्ट एलेक्स नाडूर का कहना है कि कपिंग अन्य पद्धतियों से बेहतर हैं।

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com