दुनिया में कई लोग हैं जो रुद्राक्ष पहनते हैं. ऐसे में इसे भगवान शिव का प्रतीक माना जाता है. कहते हैं भगवान शिव ने कई सालों की तपस्या के बाद जब अपनी आंखें खोली तो उनके आंसू की बूंदे धरती पर गिर गयी थीं जिसके बाद वहां रुद्राक्ष का पेड़ बन गया. इसी कारण दुनियाभर में शिव के भक्त रुद्राक्ष पहनते हैं. ऐसे में आज हम आपको बताने जा रहे हैं रुद्राक्ष के प्रकार. आइए जानते हैं. आप सभी को बता दें कि रुद्राक्ष 14 तरीके के होते हैं. जिनको पहनने की अलग-अलग विधि और जाप-मंत्र होते हैं. आइए जानते हैं.
1. एक मुखी रुद्राक्ष को भगवान शिव के सबसे करीब माना जाता है. इससे सम्पत्ति और धन-दौलत की चाह पूरी हो जाती है.
2. दो मुखी रुद्राक्ष को अर्धनारीश्वर देवता का प्रतीक माना जाता है. इससे सभी मनोकामना पूरी होती है.
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3. अग्नि देवता को दर्शाता तीन मुखी रुद्राक्ष यह सभी इच्छाओं को जल्दी पूरा कर देता है.
4. ब्रम्हा जी का प्रतीक चार मुखी रुद्राक्ष पहनने से इंसान को धर्म, अर्थ, काम, मोक्ष की प्राप्ति हो जाती है.
5. पांच मुखी रुद्राक्ष कालाग्नि देवता का प्रतीक माना जाता है. यह सभी तरह की परेशानियों से मुक्ति दिलाता है.
6. छह मुखी रुद्राक्ष भगवान कार्तिकेय का प्रतीक माना जाता है. इससे ब्रह्महत्या के पाप से छुटकारा मिलता है.
7. सात मुखी रुद्राक्ष को सप्तर्षि का रुद्राक्ष माना जाता है. इससे धन का लाभ होता है.
8. आठ मुखी रुद्राक्ष लोगों की रोगों से रक्षा करता है.
9. नौ देवियों का प्रतीक नौ मुखी रुद्राक्ष समाज में अपनी प्रतिष्ठा की चाह बढ़ाने के लिए होता है.
10. विष्णु स्वरूप दस मुखी रुद्राक्ष पहनने से घर में खुशियां आती हैं.
11. रूद्र देव का प्रतीक ग्यारह मुखी रुद्राक्ष को सफलता पाने के लिए पहनना चाहिए.
12. बारह मुखी रुद्राक्ष को सबसे अलग माना जाता है, क्योंकि इसे बालों में पहना जाता है.
13. तेरह मुखी रुद्राक्ष भगवान शिव का स्वरूप माना जाता है इससे सौभाग्य चमक जाता है.
14. चौदह मुखी रुद्राक्ष को सभी तरह के पापों से मुक्ति पाने के लिए पहनते हैं.