फुलैरा दूज (Phulera Dooj) 25 फ़रवरी मंगलवार को मनाई जाएगी. हर साल ये त्योहार फाल्गुन महीने में शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को मनाया जाता है. फुलैरा दूज को फाल्गुन मास में सबसे शुभ और धार्मिक दिन माना जाता है. फुलैरा दूज के समय को काफी मांगलिक माना जाता है. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन भगवान कृष्ण पवित्र होली के त्योहार में भाग लेते हैं और रंगों की जगह रंग-बिरंगे फूलों से होली खेलते हैं. यह त्योहार लोगों के जीवन में ख़ुशी और उमंग लेकर आता है.

शादियों के लिए शुभ है फुलैरा दूज
हिंदू धर्म में अमूमन लोग शादी विवाह से पहले शुभ मुहूर्त विचारना अनिवार्य मानते हैं. बिना किसी मुहूर्त के शादी करना शुभ नहीं माना जाता है. लेकिन धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, फुलैरा दूज एक ऐसी तिथि है, जब दिन के 24 घंटे समय मंगल रहता है और इस वक्त में सभी मांगलिक कार्य पूर्ण किए जा सकते हैं.
फुलैरा दूज के दिन लोग अपने पूजाघर में भगवान कृष्ण की पूजा अर्चना करते हैं. इसके बाद उन्हें होली पर खेला जाने वाला गुलाल अर्पित किया जाता है. इस दिन लोग राधा और कृष्ण की मूर्ति को फूलों से सजाते हैं और कई घरों में फूलों से मनमोहक रंगोली भी बनाई जाती है.
मंदिरों में भी होती है सजावट:
फुलैरा दूज का त्योहार उत्तर भारत के कुछ इलाकों में काफी जोर शोर से मनाया जाता है. इस दिन ब्रजभूमि और मथुरा में भी मंदिरों को फूलों के साथ बहुत खूबसूरती के साथ मनाया जाता है. पूरे दिन मंदिरों में भगवान कृष्ण के भजन कीर्तन चलते हैं. ब्रजभूमि और मथुरा के कुछ विशेष स्थानों पर फुलैरा दूज से होली प्रारंभ हो जाती है.
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