जानिए, आखिर क्यों बेटी की शादी में भावुक हो गए अंबानी, बोले-हमसे कोई… हम लड़की वाले

मुकेश ने अपनी स्पीच में भी ये बात कही तो समधी अजय पीरामल ने कहा कि हम ये बदलना चाहते थे। बहुत कोशिश की, पर आपको पता ही है कि कामयाब कारोबारी कौन है। जीत मुकेश की ही हुई। देश के सबसे बड़े औद्योगिक घराने के प्रमुख मुकेश अंबानी भावुक हैं। ईशा की शादी की उदयपुर में चल रही प्री-वेडिंग सेरेमनी में कई बार बेटी के पिता की तरह दिखे। मेहमानों के बीच हाथ जोड़े हुए और लोगों से कहते हुए कि हम लड़की वाले हैं।

मुकेश अंबानी ने कहा- बेटी की शादी है, देश-विदेश से आए सभी मेहमानों का हम स्वागत करते हैं। रविवार के अलावा बुधवार को भी हम शादी में व्यस्त रहने वाले हैं। मैं मेरे सभी दोस्तों से, मेहमानों से, कहना चाहता हूं, कहीं कुछ कमी रह गई हो तो थोड़ा तो सहन करना पड़ेगा, आखिर हम लड़की वाले हैं। बेटी की शादी है।”

“मेरे अंतरराष्ट्रीय दोस्त जो लंबी दूरी तय कर शादी में शामिल होने आए हैं, यहां आने के लिए मैं उनका दिल से धन्यवाद करता हूं। आइए, आज मैं आपको एक कहानी सुनाता हूं। मेरे दो जुड़वां बच्चे हैं। आकाश और ईशा। बेटे आकाश के हीरो तो सुपरमैन-बैटमैन हैं। बचपन में उसको तो ऐसा लगता था कि उसकी मां भी इनकी तरह ही है। लेकिन, बेटी ईशा की कई साल से एक ही हीरो हैं, और वे हैं हिलेरी क्लिंटन, जो आज हमारे साथ हैं।” “दो दशक से मेरे अजीज दोस्त सऊदी अरब के खालिद का भी शुक्रिया। खालिद अब सऊदी अरब के तेल मंत्री हैं। इसके अलावा बहुत सारे मेरे अजीज दोस्त और मेहमान हैं, मैं उन सभी का नाम तो नहीं ले सकता, मैं सबका तहे दिल से धन्यवाद देता हूं।”

वही ईशा के होने वाले ससुर ने कहा की हम इस परंपरा को बदलना चाहते थे – नमस्ते! नमस्ते सिर्फ एक शुभकामना नहीं है, जैसे हैलो और हाय होता है। इसके पीछे से एक गहरा अर्थ है। नमस्ते दो शब्दों से बना है। न मतलब ना, यानी नो और म का मतलब मी। तो नमस्ते का पूरा मतलब हुआ नॉट फॉर मी बट फॉर यू। यानी इट इज लविंग यू, केयरिंग फॉर यू एंड सर्विंग यू। यही इस सेरेमनी का सार है। जैसा कि मुकेश ने कहा कि हम तो लड़की वाले हैं। वर्षों से यह परंपरा है कि दूल्हे का परिवार, दोस्त आते हैं और मेहमान नवाजी की पूरी व्यवस्था लड़की वालों की तरफ से की जाती है।”

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हमने इसको बदलने की कोशिश की और मुकेश से निवेदन भी किया कि हम भी कुछ करना चाहते हैं। लेकिन आपको पता है कि सबसे सफलतम बिजनसमैन कौन हैं। मुकेश ने मुझे इसका अवसर ही नहीं दिया। यहां की मेजबानी को लेकर सभी मुझे बधाई दे रहे हैं, लेकिन ये सारी व्यवस्थाएं नीता-मुकेश और उनकी टीम ने की हैं। इसके लिए आभारी हूं। संस्कृत में अतिथि देवो भव: होता है, जिसका मतलब है कि मेहमान भगवान समान है। यानी मेहमान की आवभगत हमें भगवान की तरह करनी है। सेरेमनी के इंतजामों से मैं ये बात दावे से कह सकता हूं कि नीता-मुकेश ने इसे चरितार्थ किया है।” सेरेमनी के इंतजामों से मैं ये बात दावे से कह सकता हूं कि नीता-मुकेश ने इसे चरितार्थ किया है। रस्मों की शुरुआत विशेष डांस से करना ठीक रहेगा। मैं इसके लिए नीता को आमंत्रित करूंगा। नीता ने 15 साल डांस सीखने में बिताए हैं। उनका डांस के साथ कृष्ण की आराधना करना विशेष होगा। बता दे की ईशा ओर आनंद की शादी 12 दिसम्बर को होगी।

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