जांच में लापरवाही पर सख्ती: 27 केंद्रों के लाइसेंस निलंबित

दिल्ली सरकार ने पीयूसी जांच में लापरवाही बरतने वाले 27 केंद्रों के लाइसेंस निलंबित कर दिए हैं। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने साफ कहा है कि प्रदूषण नियंत्रण के लिए सरकार सिर्फ अस्थायी नहीं, बल्कि स्थायी समाधान की दिशा में लगातार प्रभावी कदम उठा रही है। मुख्यमंत्री ने बताया कि यह कार्रवाई पेट्रोल पंपों पर तैनात निगरानी टीमों की रिपोर्ट के आधार पर की गई है। राजधानी के करीब 500 पेट्रोल पंपों पर तीन शिफ्ट में 24 घंटे पीयूसी जांच की जा रही है।

मुख्यमंत्री ने बताया कि वाहनों से निकलने वाला धुआं प्रदूषण का बड़ा कारण है। इसे ध्यान में रखते हुए सरकार ने पीयूसी जांच को व्यापक और प्रभावी बनाया है। राजधानी के पेट्रोल पंपों पर 24×7 पीयूसी जांच के लिए 3,000 डीटीसी ड्राइवरों को तैनात किया गया है, जो प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों को ईंधन लेने से रोक रहे हैं।

ट्रैफिक पुलिस के साथ डीटीसी ड्राइवरों की तैनाती
सीएम ने बताया कि डीटीसी के करीब 600 सरप्लस ड्राइवरों को अस्थायी रूप से ट्रैफिक पुलिस के साथ जोड़ा गया है। ये ड्राइवर ट्रैफिक संचालन में मदद कर रहे हैं, जिससे जाम कम हो रहा है और वाहनों का अनावश्यक उत्सर्जन भी घट रहा है। सरकार का मानना है कि बेहतर ट्रैफिक व्यवस्था से भी प्रदूषण नियंत्रण में मदद मिलेगी।

एंटी-स्मॉग गन को लेकर बदला फैसला
मुख्यमंत्री ने बताया कि भारी और कम प्रभावी एंटी-स्मॉग गन की जगह मिस्ट स्प्रे सिस्टम लगाए जाएंगे। राजधानी के मॉल, होटल और कार्यालय भवनों में लगे 148 एंटी-स्मॉग गन की जगह यह नया सिस्टम लगाया जाएगा। मिस्ट स्प्रे सिस्टम हल्का है, कम पानी खर्च करता है। सरकार जल्द ही नियमों में बदलाव कर ऊंची इमारतों पर मिस्ट स्प्रे सिस्टम लगाने की अनुमति देगी।

वायु गुणवत्ता की निगरानी होगी मजबूत
फिलहाल दिल्ली में 40 वायु गुणवत्ता निगरानी स्टेशन काम कर रहे हैं। इनमें डीपीसीसी, आईआईटीएम, सीपीसीबी और केंद्र सरकार के स्टेशन शामिल हैं। अब सीएक्यूएम के निर्देश पर छह नए निगरानी स्टेशन लगाए जाएंगे। ये स्टेशन इग्नू, जेएनयू, इसरो अर्थ सेंटर, कॉमनवेल्थ स्पोर्ट्स सेंटर और एनएसयूटी (पश्चिमी परिसर) में स्थापित होंगे।

साफ हवा के लिए ढिलाई नहीं बरती जाएगी – रेखा गुप्ता
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार फौरी और दीर्घकालीन, दोनों स्तरों पर काम कर रही है। अलाव जलाने, कोयला-लकड़ी के इस्तेमाल और प्रदूषण फैलाने वाली औद्योगिक इकाइयों पर भी लगातार कार्रवाई कर रही है। उनका कहना है कि दिल्ली में साफ हवा सुनिश्चित करना सरकार की प्राथमिकता है और इसके लिए किसी भी स्तर पर ढिलाई नहीं बरती जाएगी।

नो पीयूसीसी नो फ्यूल का दिखा असर, बाजार में ग्राहकों की चहलकदमी हुई कम
नो पीयूसी, नो फ्यूल का असर अब राजधानी के बाजारों पर भी दिखने लगा है। इन दिनों दिल्ली के बाजारों में पहले जैसी चहल पहल नजर नहीं आ रही है। दुकानदारों का कहना है कि ग्राहकों की संख्या में कमी से रोजमर्रा की बिक्री प्रभावित हो रही है। खासकर एनसीआर से आने वाले खरीदार अब दिल्ली के प्रमुख बाजारों में पहले जितनी संख्या में नहीं पहुंच रहे हैं।

दिल्ली के बड़े शॉपिंग हब जैसे चांदनी चौक, करोल बाग, लाजपत नगर, सरोजिनी नगर और सदर बाजार में कारोबार से जुड़े लोग चिंता में हैं। सदर बाजार एसोसिएशन के अध्यक्ष परमजीत सिंह पम्मा ने बताया कि प्रतिबंध लागू होने के बाद से दिल्ली से बाहर के खरीदारों ने अपनी यात्राएं सीमित कर दी हैं। बिक्री का लगभग 30 से 35 प्रतिशत प्रभावित हुआ है क्योंकि एनसीआर से खुदरा विक्रेता कम आ रहे हैं। उन्होंने बताया कि दुकानदारों के पास क्रिसमस और नए साल का स्टॉक जमा है, लेकिन पिछले साल की तुलना में खरीदारों की संख्या बहुत कम है और कुल मिलाकर लोगों की आवाजाही में लगभग 35 प्रतिशत की गिरावट आई है।

गिने चुने ग्राहक ही दिख रहे
कुछ दुकानदारों का कहना है कि पहले महीने के अंत में बाजारों में पैर रखने की जगह नहीं होती थी, लेकिन अब कई दुकानों पर ग्राहक गिने चुने नजर आते हैं। करोल बाग के एक कपड़ा व्यापारी ने बताया कि पहले नए साल पर दूसरे राज्यों से लोग खरीदारी के लिए आते थे लेकिन इस बार हालात अलग हैं। लाजपत नगर मार्केट एसोसिएशन के अध्यक्ष कुलदीप कुमार ने बताया कि इन पाबंदियों से खरीदारों और छोटे व्यापारियों दोनों पर असर पड़ा है।

लोगों का समय और पैसा दोनों बर्बाद हो रहा
छोटे व्यापारियों का कहना है कि महंगाई पहले ही लोगों की जेब पर असर डाल रही है और अब बाजारों में कम भीड़ के कारण उनकी स्थिति और कमजोर हो गई है। ग्राहकों की तरफ से भी परेशानी सामने आ रही है। ग्राहक पवन ने बताया कि वह खरीदारी के लिए दिल्ली आया था, लेकिन रास्ते में पीयूसीसी को लेकर दिक्कत आई। बाद में उसे सार्वजनिक परिवहन से लौटना पड़ा।

दुकानदारों ने सरकार से की अपील
दुकानदारों ने सरकार और प्रशासन से अपील की है कि नियमों को लागू करने के साथ साथ लोगों को जागरूक भी किया जाए। व्यापारी संगठनों का सुझाव है कि एनसीआर से आने वाले ग्राहकों के लिए कुछ राहत या वैकल्पिक व्यवस्था की जाए, ताकि बाजारों की रौनक बनी रहे। संगठनों ने पीयूसीसी केंद्रों की संख्या बढ़ाने और प्रक्रिया को आसान करने की मांग की है।

बिना पीयूसी 2,927 वाहनों के चालान, 327 ट्रक दिल्ली में घुसने से रोके
दिल्ली में 24 घंटे के भीतर वैध पीयूसी प्रमाणपत्र न होने पर 2,927 वाहनों के चालान काटे गए। कुल मिलाकर वाहन प्रदूषण से जुड़े मामलों में 12,671 चालान जारी किए गए। दिल्ली की सीमाओं पर कड़ी निगरानी के तहत ईस्टर्न और वेस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे से 4,803 ट्रकों की जांच की गई। इनमें से 327 ट्रकों को दिल्ली में प्रवेश नहीं करने दिया गया और उन्हें डायवर्ट कर दिया गया। शहर के भीतर नियमों का उल्लंघन करने वाले 430 हल्के मालवाहक वाहनों पर भी कार्रवाई की गई।

पर्यावरण मंत्री मंजिंदर सिंह सिरसा ने बताया कि सिर्फ वाहनों पर ही नहीं, बल्कि कचरा और धूल प्रदूषण पर भी बराबर फोकस है। बीते 24 घंटों में 449 अवैध डंपिंग साइट्स की जांच की गई, जिनमें से 124 स्थानों पर तुरंत कार्रवाई की गई। इस दौरान 2,337 मीट्रिक टन कंस्ट्रक्शन वेस्ट उठाया गया और 6,000 किलोमीटर से अधिक सड़कों की मैकेनाइज्ड सफाई कराई गई। ट्रैफिक जाम को भी प्रदूषण का बड़ा कारण मानते हुए सरकार ने ट्रैफिक पुलिस के साथ मिलकर 39 प्रमुख जाम वाले स्थानों पर काम किया। साथ ही मोबाइल ऐप और सोशल मीडिया के जरिये मिली 60 से अधिक शिकायतों का मौके पर समाधान किया गया।

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