एजेंसी/ 20 साल की उम्र ज्यादातर भारतीय लड़कों के लिए गोल्डन पीरियड होता है. ग्रेजुएशन पूरा हो जाने के बाद वो अपने करियर पर फोकस करना शुरू कर देते हैं. पैसे कमाना शुरू कर देते हैं और दुनिया को एक अलग नजर से देखना शुरू कर देते हैं. वो अपनी जिन्दगी के हर पल को जीने की कोशिश करने लगते हैं और चीजों को एक्सप्लोर करना शुरू कर देते हैं.
ज्यादा से ज्यादा लड़कियों के साथ फ्लर्ट:
20 की उम्र ही ऐसी होती है कि लड़कों में खुद ब खुद एक कॉन्फिडेंस आ जाता है. अब वो टीन-एज से बाहर आ चुके होते हैं और काफी हद तक मैच्योर हो चुके होते हैं. इस उम्र में वो चाहते हैं कि जितनी ज्यादा लड़कियों के साथ फ्लर्ट कर सकें कर लें. ये काफी हद तक स्टाइल स्टेटमेंट भी होता है. वो किसी एक लड़की के साथ रिलेशन में बंधने के बजाय कई लड़कियों के साथ फ्लर्ट करना पसंद करते हैं.
सेक्स भी होती है प्राथमिकता:
ये उम्र का वो पड़ाव होता है जहां वो खुद में कई तरह के शारीरिक और हार्मोनल बदलाव महसूस करते हैं. ऐसे में वो इस नए अनुभव को लेकर भी काफी एक्साइटेड होते हैं. हालांकि ये व्यक्तिगत सोच पर भी काफी हद तक निर्भर करता है.
कमिटमेंट से डरते हैं:
20 की उम्र में ज्यादातर भारतीय लड़के कमिटमेंट करने से डरते हैं. उन्हें ऐसा लगता है कि वे अभी-अभी तो आजाद हुए हैं और किसी भी तरह का कमिटमेंट उन्हें बांध देगा. ऐसे में वो प्यार तो करते हैं पर कमिटमेंट से बचते हैं . हालांकि अगर किसी को ये भरोसा हो जाए कि ये लड़की ही उसकी बेस्ट हाफ है तो वो कमिटमेंट कर सकते हैं.
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