पाकिस्तान, मोदी जी और बलोच नेताओं के साथ से बौखला गयी है। मोदी जी ने पार्टी की कार्यकारिणी बैठक और फिर स्वंतंत्रता दिवस पर लाल किले से बलोचों की मदद का दावा किया और वहां हो रहे मानवाधिकार के हनन को गलत बताया। इसके बाद बलोच के कई नेता मोदी जी के पक्ष में आ गए। यह बात पाकिस्तान को रास नहीं आयी और उसने बलूचिस्तान के नागरिकों पर सेना ( Chemical Weapons )से हमला कराना शुरू कर दिया।
बलोचों पर मध्यकालीन युग की बर्बरता
बलोच कार्यकर्ताओं ने रिपोर्ट में बताया कि पाकिस्तानी सेना बलोचियों पर एक रासायनिक स्प्रे ( Chemical Weapons )का इस्तेमाल कर रही है और गोली मारकर लोगों की हत्या कर रही है। यहाँ की सेना न केवल निर्दोष लोगों को मार रही हैं, बल्कि यह बलोचों पर मध्यकालीन युग की बर्बरता भी दिखा रही है। बलूचिस्तान का बोलन क्षेत्र पाकिस्तानी सेना के गुस्से का खामियाजा भुगत रही है।
पाकिस्तान आर्मी का बलोचों पर हमला कोई नयी बात नहीं है,
पाकिस्तान आर्मी का बलोचों पर हमला कोई नयी बात नहीं है, लेकिन मोदी जी की स्पीच के बाद यहाँ हिंसा की घटनाएं कुछ ज्यादा ही बढ़ गयीं हैं। बोलें, केत्ता, डेरा बुगती, मस्तंग, अवारण जैसे बलूचिस्तान के कई इलाके इस हिंसा के शिकार हुए हैं। कार्यकर्ताओं ने बताया कि इन क्षेत्रों में अपहरण की घटनाएं आम हो गयीं हैं और हर दिन अपहृतों की 4 से 5 लाशें देखने को मिल जातीं हैं।
केवल प्रधानमंत्री मोदी की स्पीच के बाद से ही डेरा बुगती से लगभग 50 लोगो को मारा गया और 150 लोगों का अपहरण कर लिया गया है। डोमकी समुदाय के प्रमुख और बलोचिस्तान के प्रमुख कार्यकर्ता, सरदार मीर बख्तियार खान डोमकी ने कहा कि, “हमें उनकी हालत का कुछ पता नहीं है, हम तो ये भी नहीं जानतें की वो जिन्दा है या मर गयें।”
पाकिस्तान झूठ के बल पर एक राज्य बना रहा है, जो की असंभव है। अपने ही लोगो पर हिंसक हमले कर के पाकिस्तान किस बात का सबूत दे रहा है? जो भी है पाकिस्तान को सबक भारत सरकार ही सिखाएगी।
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