जया एकादशी पर करें मां तुलसी को प्रसन्न, घर में होगा धन की देवी का वास

जया एकादशी का दिन बहुत ही उत्तम माना गया है। इस दिन भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा होती है। हिंदू पंचांग के अनुसार इस साल माघ माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि 08 फरवरी को मनाई जाएगी। इसके अलावा इस शुभ अवसर पर (Jaya Ekadashi 2025) विष्णु जी और धन की देवी के साथ मां तुलसी की पूजा भी जरूर करें।

जया एकादशी का दिन बहुत महत्वपूर्ण होता है। यह दिन भगवान विष्णु की पूजा के लिए सबसे शुभ दिनों में से एक माना गया है। वैदिक पंचांग के अनुसार, दिन शनिवार 8 फरवरी, 2025 को जया एकादशी (Jaya Ekadashi 2025) का व्रत रखा जाएगा। ऐसा कहा जाता कि इस दिन व्रत और पूजा-अर्चना करने से अक्षय फलों की प्राप्ति होती है।

इसके अलावा इस पावन तिथि पर मां लक्ष्मी की पूजा भी बहुत मंगलकारी मानी जाती है। ऐसे में सुबह उठें तुलसी के पौधे पर जल चढ़ाएं और उसके समक्ष देसी घी का दीपक जलाएं। फिर आरती करें और 7 बार परिक्रमा करें, तो चलिए यहां पढ़ते हैं।

।।तुलसी माता की आरती।। (Maa Tulsi Ki Aarti)
जय जय तुलसी माता, मैय्या जय तुलसी माता ।
सब जग की सुख दाता, सबकी वर माता।।
मैय्या जय तुलसी माता।।
सब योगों से ऊपर, सब रोगों से ऊपर।
रज से रक्ष करके, सबकी भव त्राता।
मैय्या जय तुलसी माता।।
बटु पुत्री है श्यामा, सूर बल्ली है ग्राम्या।
विष्णुप्रिय जो नर तुमको सेवे, सो नर तर जाता।
मैय्या जय तुलसी माता।।
हरि के शीश विराजत, त्रिभुवन से हो वंदित।
पतित जनों की तारिणी, तुम हो विख्याता।
मैय्या जय तुलसी माता।।
लेकर जन्म विजन में, आई दिव्य भवन में।
मानव लोक तुम्हीं से, सुख-संपति पाता।
मैय्या जय तुलसी माता।।
हरि को तुम अति प्यारी, श्याम वर्ण सुकुमारी।
प्रेम अजब है उनका, तुमसे कैसा नाता।
हमारी विपद हरो तुम, कृपा करो माता।
मैय्या जय तुलसी माता।।
जय जय तुलसी माता, मैय्या जय तुलसी माता।
सब जग की सुख दाता, सबकी वर माता॥
मैय्या जय तुलसी माता।।

।।हे गोपाल कृष्ण करूँ आरती तेरी।। (Hey Gopal Krishna Karu Aarti Teri)
हे गोपाल कृष्ण करूँ आरती तेरी,
हे प्रिया पति मैं करू आरती तेरी,
तुझपे ओ कान्हा बलि बलि जाऊं,
सांझ सवेरे तेरे गुण गाउँ,
प्रेम में रंगी मैं रंगी भक्ति में तेरी,
हे गोपाल कृष्ण करू आरती तेरी,
हे प्रिया पति मैं करू आरती तेरी ।
ये माटी का कण है तेरा,
मन और प्राण भी तेरे,
मैं एक गोपी, तुम हो कन्हैया,
तुम हो भगवन मेरे,
हे गोपाल कृष्ण करूँ आरती तेरी,
हे प्रिया पति मैं करू आरती तेरी ।
ओ कान्हा तेरा रूप अनुपम,
मन को हरता जाए,
मन ये चाहे हर पल अंखिया,
तेरा दर्शन पाये,
दर्श तेरा, प्रेम तेरा, आस है मेरी,
हे गोपाल कृष्ण करू आरती तेरी,
हे प्रिया पति मैं करू आरती तेरी ।
हे गोपाल कृष्ण करूँ आरती तेरी,
हे प्रिया पति मैं करू आरती तेरी,
तुझपे ओ कान्हा बलि बलि जाऊं,
सांझ सवेरे तेरे गुण गाउँ,
प्रेम में रंगी मैं रंगी भक्ति में तेरी,
हे गोपाल कृष्ण करू आरती तेरी,
हे प्रिया पति मैं करू आरती तेरी।

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com