हिंदू धर्म में एकादशी तिथि बेहद पवित्र मानी गई है। साल में कुल 24 एकादशी होती हैं, जिन्हें अलग-अलग नामों से जाना जाता है। माघ माह में आने वाली एकादशी को जया एकादशी के नाम से जाना जाता है। इस दौरान भगवान विष्णु की पूजा होती है। हिंदू पंचांग के अनुसार, इस साल यह व्रत 20 फरवरी को रखा जाएगा। तो आइए इस दिन की पूजा साम्रगी के बारे में विस्तार से जानते हैं –
जया एकादशी पूजा साम्रगी
- काला तिल
- तिल का लड्डू
- तुलसी का पत्ता
- पंजीरी
- पंचामृत
- केला
- मौसमी फल
- पान का पत्ता
- सुपारी
- पीला कपड़ा
- पीला फूल
- धूप
- दीप
- गोपी चंदन
- रोली
- अक्षत
- एकादशी व्रत कथा की पुस्तक
- भगवान श्री हरि विष्णु की प्रतिमा
- गाय का घी
- कपूर
- हवन की सामग्री आदि।
जया एकादशी का धार्मिक महत्व
जया एकादशी व्रत का बड़ा ही धार्मिक महत्व है। इस उपवास को लेकर ऐसा कहा जाता है कि जो लोग इसे सच्चे भाव के साथ करते हैं उन्हें भूत, प्रेत और पिशाच की योनि में नहीं जाना पड़ता है। साथ ही पिछले जन्म के पापों से मुक्ति मिलती है। इसलिए भक्तों को यह व्रत करने की सलाह दी जाती है। ऐसे में सभी को जगत के पालन हार श्री हरि विष्णु की पूजा सच्चे दिल से करनी चाहिए। ताकि मोक्ष की प्राप्ति हो सके।
जया एकादशी तिथि और समय
हिंदू पंचांग के अनुसार, माघ माह शुक्ल पक्ष की एकादशी 19 फरवरी, 2024 को सुबह 08 बजकर 49 मिनट से शुरू होगी। वहीं इस तिथि का समापन अगले दिन 20 फरवरी, 2024 सुबह 09 बजकर 55 मिनट पर होगा। सनातन धर्म में उदयातिथि का खास महत्व है इसलिए एकादशी का व्रत 20 फरवरी दिन मंगलवार को रखा जाएगा।
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