जम्मू-कश्मीर में सीआरपीएफ ने ड्रोन इस्तेमाल करने का फैसला किया: आतंकवादियों की रेकी के लिए

जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद विरोधी अभियानों में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) ने ड्रोन इस्तेमाल करने का फैसला किया है। आतंकवादियों को खोजने और रेकी के लिए यह ड्रोन अहम साबित हो सकते हैं।

आतंकवाद विरोधी अभियानों के दौरान कई बार आतंकी सुरक्षाबलों पर गोलियां चलाते हैं, ऐसे में गोलीबारी कहां से हो रही है, इसका पता लगाने के लिए ड्रोन काम आएंगे। यह ड्रोन सीआरपीएफ की श्रीनगर के रामबाग में स्थित कमान के अधीन रहेंगे।

वरिष्ठ आइपीएस अधिकारी ने बताया कि नजदीक मिशन के दौरान भी ड्रोन सुरक्षाबलों का सहयोग करेंगे। जो डाटा उपलब्ध होगा उससे आतंकवादियों को खोज निकालने की रणनीति बन पाएगी।
आइपीएस अधिकारी एपी महेश्वरी के नेतृत्व में 20 ड्रोन खरीदे जा रहे हैं, इनकी स्पीड 72 किलोमीटर प्रति घंटा होगी। न्यूनतम उड़ने का समय 31 मिनट, 28 एमएम फोकल प्वाइंट के साथ होगा। मेक इन इंडिया को बढ़ावा देते हुए ड्रोन भारतीय कंपनी से यह खरीदे जाएंगे। यह ड्रोन फोल्ड और पोर्टेबल होंगे।

अधिकारी ने कहा कि हम फोल्ड होने वाले ड्रोन देख रहे हैं, जो आसानी से बैग में आ जाएं और उनका इस्तेमाल बिना देरी के किया जा सके। साल 2019 में सेना ने भार उठाने वाले ड्रोन को खरीदने की योजना बनाई थी।

जम्मू-कश्मीर में पाकिस्तान के साथ लगती सीमा को मद्देनजर सुरक्षा के लिहाज से ड्रोन खरीदे जा रहे है। आर्मी डिजाइन ब्यूरो ने दिल्ली छावनी के मानेकशॉ सेंटर में ड्रोन डिस्पले करने के लिए संबंधित लोगों को बुलाया था।

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